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आगरा पुलिस ने चोरी की एक बड़ी वारदात का खुलासा किया है. चोरी की वारदात 7 अगस्त को हुई थी लेकिन पीड़ित को देर से पता चलने के कारण मुकदमा 1 सितंबर को दर्ज कराया गया था. पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

आगरा: जगदीशपुरा की आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले प्रेमचन्द्र ने 1 सितंबर को घर पर चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने अपने भांजे सत्यनारायण पर चोरी करने का शक जताया था. पुलिस नामजद किए गए भांजे की गिरफ्तारी के लिए प्रयास करने लगी. भांजे सत्यनारायण को पुलिस ने हिरासत में लिया लेकिन उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ।

इसके बाद पुलिस की जांच की सुई व्यापारी के करीबियों की ओर घूमी. पुलिस ने घर आने-जाने वाले हर व्यक्ति से गहनता से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान पुलिस को व्यापारी के ड्राइवर रोहित पर शक हुआ. पुलिस ने रोहित पर नजर रखनी शुरू की. पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण रोहित भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी रोहित ने पुलिस को बताया कि जब प्रेमचंद्र और उनका परिवार बेटी को छोड़ने दुर्गापुर जाने वाला था. तब उसने अलमारी की दूसरी चाबी चुरा ली थी।

प्रेमचन्द्र घर पर अपनी छोटी बेटी को छोड़ गए थे. ड्राइवर रोहित का घर में आना-जाना रहता था. उसने 7 अगस्त को चोरी करने का प्लान बनाया था. वो प्रेमचंद्र के घर गया. बेटी ने उसकी आवाज सुनकर गेट खोल दिया. बेटी दूसरे कमरे में पढ़ाई करने चली गई. ड्राइवर रोहित ने मौका पाकर करोड़ों के सोने-चांदी के आभूषण और नकदी पर हाथ साफ कर दिया. चोरी के बाद वो घर से चला गया।

प्रेमचंद्र ने दुर्गापुर से लौटने के बाद अलमारी के लॉकर को खोल कर नहीं देखा. जब 1 सितंबर को प्रेमचंद्र ने अलमारी का लॉकर खोला तो उसे चोरी का पता लगा. उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी. बेटी की गवाही पर रिश्ते में भांजे लगने वाले सत्यनारायण के खिलाफ चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया. उनकी अनुपस्थिति में भांजा सत्यनारायण भी घर पर आया था।

रोहित इस बात से बहुत खुश था कि उसके कर्मों की सजा कोई और भुगतने वाला है. लेकिन पुलिस की सजगता के कारण निर्दोष सत्यनारायण जेल जाने से बच गया. आरोपी रोहित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 24 लाख रुपये नकद और 5 सोने के बिस्कुट जिनका वजन 3.962 किलोग्राम था, लॉकर की चाबी और 1 मोबाइल बरामद किया।

 

आरोपी रोहित ने पुलिस को बताया है कि उसने प्रेमचंद्र के घर से सोना और नकदी चुरायी थी. इसमें सात सोने के बिस्कुट थे. रोहित ने दो बिस्कुट इटावा के एक ब्रोकर को बेच दिए थे और उससे 60 लाख रुपये लिए थे. इनमें से 10 लाख रुपये रोहित ने अपने खाते में जमा करा दिए थे. बाकी नकद से उसने अपना कर्जा उतार दिया. अब पुलिस इटावा के ब्रोकर के बारे में जानकारी जुटा रही है ताकि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।

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