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फिरोजाबाद। जिले में डेंगू महामारी ने स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल कर रख दी है। लगातार बढ़ती जा रही मरीजों की संख्या के कारण अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों को भर्ती करने में आनाकानी करते दिखाई दे रहे है। आरोप है कि जो गंभीर पेशेंट हैं, उनको भी यह कहकर चलता किया जा रहा है कि ओपीडी में जाकर अपना इलाज कराएं। जबकि परिजनों के मुताबिक मरीज काफी सीरियस है, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया जा रहा। मरीजों के परिजनों का अस्पताल के बाहर रो-रोकर बुरा हाल है। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य कहना है कि उन्हीं मरीजों को ओपीडी भेजा जा रहा है। जो भर्ती लायक नहीं है।
डेंगू महामारी से जिले में लगभग अब तक 100 से ज्यादा मौते हो चुकी। जबकि स्वास्थ्य विभाग 56 मौतों की पुष्टि भी कर चुका है। लखनऊ और दिल्ली से कई टीमें आकर जनपद में इस बीमारी पर शोध कर रही हैं कि आखिर यह बीमारी क्यों फैल रही है और इस पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है। लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या और उनकी मौतों से सरकार भी चिंतित है। यही नहीं, बीमारी केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है. ज्यादातर गांव भी इस बीमारी की जद में हैं। शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां 50-60 लोग बीमार न हों. मरीजों को राहत देने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा गांव-गांव में शिविर लगा रहा है. यहां जो बुखार से पीड़ित मरीज हैं, उन्हें दवा का भी वितरण किया जा रहा है। जो मरीज बुखार से तड़पते हैं और उनकी हालत गंभीर होती है, ऐसे मरीजों को फिरोजाबाद जिले के मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने के लिए मरीज के तीमारदार लाते हैं। लेकिन अस्पताल में भी मरीजों को भर्ती के लिए जगह नहीं होती है। यही वजह है तरह-तरह के बहाने बनाकर मरीजों को वापस किया जा रहा है।
तीमारदारों का आरोप है कि जो मरीज सीरियस होते हैं, उनके भी यह कह दिया जाता है कि वह ओपीडी जाएं और वहां ही अपना इलाज कराएं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का ऐसा व्यवहार देखकर मरीजों के तीमारदारों के सामने आंसू बहाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता और वह अपने मरीज को लौटाकर ले जाते हैं। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या से बात की गई। तो उन्होंने कहा किसी भी मरीज को लौटाने और इलाज न देने की बात गलत है। केवल उन्हीं मरीजों को लौटाया रहा है, जो भर्ती लायक नहीं है। हमारे यहां इमरजेंसी अलग है और ओपीडी अलग है। जो गंभीर मरीज हैं, उन्हें इमरजेंसी में भर्ती किया जाता है। जो साधारण बुखार के रोगी हैं, उन्हें ओपीडी में दिखाया जाता है।

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