फिरोजाबाद। शहर में बुधवार को शरद पूर्णिमा का पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया। इस दौरान मंदिरों में राधा-कृष्ण का भव्य श्रंगार किया गया। वहीं मंदिरों में दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ रही।
सदर बाजार दूध वाली गली स्थित बांके बिहारी जी मंदिर के महंत मुन्नालाल शास्त्री ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी के साथ चंद्रमा व इंद्र की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा में माता लक्ष्मी देवराज इंद्र के साथ ऐरावत पर सवार होकर पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। जो भक्त माता लक्ष्मी का जागरण पूजन करके खीर का भोग लगाता है उस पर कृपा की बारिश करतीं हैं। भोग के बाद खीर खाने से आरोग्य व धन की प्राप्ति होती है। नगर के राधाकृष्ण, बांके बिहारी, द्वारिकाधीश, गोपाल आश्रम सहित नगर के विभिन्न मंदिरों में भगवान का श्रंगार धवल वस्त्रों से किया गया। मंदिरों में युगल सरकार की अनोखी छटा के दर्शनों के लिए देर रात्रि तक दर्शनार्थियों की भारी भीड़ जुटी रही। दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को खीर के प्रसाद का भोग वितरित किया गया। इसी तरह विभिन्न मंदिरों में शरद पूर्णिमा पर संकीर्तन हुए। घरों में खीर बनाई गई। श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामना की।