जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में निजी शीतगृह से आलू की निकासी को बढाने के लिए शीतगृह स्वामियों, आलू उत्पादकों, व्यापारियों व मण्डी सचिवों के साथ बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष- 2019-20 की अपेक्षा इस वर्ष जनपद में अधिक आलू उत्पादन हुआ है। इस वर्ष आलू का क्षेत्रफल 55200 हैक्टेयर बोया गया था, जिसके सापेक्ष उत्पादन 16 लाख टन हुआ था, जिसमें से 13.33 टन आलू निजी शीतगृहों में भण्डारित किया गया। इस वर्ष आलू की मूल्य कम होने के कारण किसानों के द्वारा शीतगृहों से आलू की निकासी बहुत धीमी गति से की जा रही है। जनपद में आलू की निकासी कुल भण्डारित आलू का 30 प्रतिशत तक ही हुई है। जिस पर शासन द्वारा निरन्तर आलू की निकासी बढ़ाने के निर्देश दिये जा रहे है।
जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित सभी शीतगृह स्वामियों से आलू की निकासी मंे आ रही परेशानियांें के बारे में पूछा गया, जिस पर एक शीतगृह स्वामी ने बताया कि एक किसान ने 200 रूपये प्रति पैकेट में आलू बेचने के लिए अनुबन्ध करते हुये शीतगृह से कर्ज लिया है और वह आलू बेचने नहीं आ रहा है, यदि उसका आलू बेच दे ंतो वह किसान शिकायत करने लगेगा। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि शीतगृहों में आलू भण्डारित करते समय आलू पर किसान कोल्डस्टोरेज स्वामियों से कर्ज लेता है और किसान आलू का मूल्य कम होने पर नहीं बेचता है। किसान बाद में यह देखता है कि आलू का उत्पादन लागत व कोल्डस्वामी का कर्ज देने के बाद आलू के वर्तमान में चल रहे विक्रय मूल्य पर बेचने के उपरान्त कुछ बच रहा है अथवा नहीं। यदि नही ंतो किसान आलू नहीं बेचेगा और न ही शीतगृह स्वामी को बेचने के लिए सहमति देगा।
जिलाधिकारी द्वारा मण्डी सचिवों से पूछा गया कि व्यापारियों को प्रेरित कर आलू की विक्री बढवाइये। इस पर मण्डी सचिवों ने बताया कि मण्डी का व्यापारियों पर कोई नियंत्रण नहीं रहा है, जिससे बाहरी व्यापारियों पर आलू निकासी के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है। शीतगृह स्वामी से पूछा गया कि इस माह तक आलू की निकासी कितनी कम है, जिस पर बलवीर सिंह स्वामी- मै0 पारसनाथ कोल्डस्टोरेज, टूण्डला के द्वारा बताया गया कि पिछले साल अगस्त, 2020 में आलू की निकासी 50 प्रतिशत तक हो गयी थी।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि आलू बाहरी क्षेत्रों से मण्डियों से आना प्रारम्भ हो गया है और यदि तेजी से आलू निकासी नहीं हुई तो आलू और सस्ता हो जायेगा। जबकि आलू भण्डारण की अवधि समय 31 अक्टूबर, 2021 को पूर्ण होने में मात्र 2 माह 18 दिन ही शेष रह गये हैं।
जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी सहित सभी शीतगृह स्वामियों को निर्देश दिए है कि वह अधिक से अधिक भण्डारणकर्ताओं को पे्ररित करे, निकासी को बढ़ायें, जिन बड़े आलू उत्पादक किसानों के द्वारा आलू भण्डारित कर शीतगृह से ऋण लिया गया है उनको आलू की निकासी करने के लिए शीतगृह पर बुलाकर बैठक करें और उन्हें आलू निकालने के लिए पे्ररित करें। जिलाधिकारी द्वारा आलू भण्डारण की अवधि समय 31 अक्टूबर, 2021 तक की आलू भण्डारण के लिए निर्देश दिये गये। जो इसके बाद भण्डारण करेंगे, उन कोल्डस्वामियों के विरूद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी तथा कोई भी कोल्डस्वामी किसानों को आलू भण्डारण के दौरान ऋण नहीं देगा। शीतगृह स्वामी नियमानुसार भण्डारित किये गये आलू का भण्डारण शुल्क लेगें और किसान को आलू बाहरी मण्डियों में ले जाकर बेचने के लिए कहेंगे।

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