WhatsApp Image 2024-03-22 at 8.27.56 PM
WhatsApp Image 2024-03-22 at 8.27.56 PM (1)
WhatsApp Image 2024-03-22 at 8.27.55 PM

फिरोजाबाद। बातचीत एक जरिया है जिसके माध्यम से बच्चों की कल्पनाओं, सोच आदि को विस्तार दिया जा सकता है। पढ़ने-लिखने के लिए भी एक जमीन तैयार होती है। बच्चों के पूर्व अनुभवों को कक्षा में तवज्जो मिलने पर सीखने की गुंजाइश काफी बढ़ जाती है। बातचीत के जरिए बच्चों में पढ़ने-लिखने के कौशल के विकास की गुंजाइश उभरती है। धीरे-धीरे इस बातचीत से लेखन भी विकसित होता है। उक्त विचार सिरौलिया प्राथमिक विद्यालय में हुई संकुल शिक्षकों की मासिक बैठक में एसआरजी जया शर्मा ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भाषा का ज्ञान मौखिक उच्चारित भाषा से ही प्रारम्भ होता है और बच्चा इसे सुनकर-बोलकर सीखता है। हम अपने दैनिक जीवन में मौखिक भाषा का ही अधिकाधिक प्रयोग करते हैं। स्कूली दिनचर्या में प्रवेश के समय हर बच्चे के पास मौखिक भाषा के रूप में एक अनुभवजनित पूंजी होती है। यानी यह स्पष्ट होना चाहिए कि भाषा शिक्षण की कक्षा में बातचीत की प्रक्रियाओं पर ध्यान देना अत्यन्त उपयोगी होगा। ताकि बच्चे विवेकपूर्ण रूप से सुन सकें और प्रभावी रूप से अपनी बात रख सकें। बातचीत, पढ़ना-लिखना सीखने के बुनियादी कौशलों को आधार देती है। साथ ही हमारे सोचने के तरीकों में भी धार लाती है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी राजेश चैधरी ने निपुण लक्ष्य ऐप की शत प्रतिशत ड्रीम लोडिंग एवं प्रयोग कराये जाने पर बल दिया। प्राथमिक सिरौलिया की सहायक अध्यापक खुशबू द्वारा नवाचार पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। पाठ योजना पर अर्चना द्विवेदी द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। बैठक में संकुल शिक्षक सरिता शर्मा, शशिभूषण शर्मा, संजय यादव, नीलेश आदि मौजूद रहे। बैठक का संचालन एआरपी पुष्पेंद्र ने किया।

About Author

Join us Our Social Media

  • All
  • Firozabad
  • Uttar Pradesh