फिरोजाबाद। टीबी उन्मूलन के तहत मरीजों की जांच में तेजी लाने के लिए जनपद में 22 सैंपल ट्रांसपोर्टरों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की भूमिका बहुत अहम है। इसलिए अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा ट्रांसपोर्टरों और सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है।
सीएमओ डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया टीबी संभावित लक्षण वाले लोग नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच अवश्य कराएं। साथ ही उपचाराधीन रोगी दवा का सेवन लगातार करते रहें। दवा बीच में छोड़ने पर रोगी को अधिक परेशानी हो सकती है। डीटीओ डॉ बृजमोहन ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएचओ और ट्रांसपोर्टरों को बताया गया है कि टीबी संक्रमण पर अंकुश लगाने को समय पर संभावित लक्षण वाले लोगों को चिन्हित कर उनके नमूने आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर एकत्र किए जाएं और उसी दिन नजदीकी जांच केंद्र पर भेजा जाये, जिससे टीबी रोगियों की जांच शीघ्र हो सके। डॉ बृजमोहन ने बताया कि जनपद में 22 टीबी सैंपल ट्रांसपोर्टर हैं। एक सैंपल ट्रांसपोर्टर को चार से सात हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर से सैंपल ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी दी गई है। ट्रांसपोर्टर द्वारा बलगम एकत्र करने के बाद नजदीकी जांच केंद्र तक पहुंचाने के लिए रूट चार्ट और माइक्रो प्लान तैयार किया गया है।
जिला पीपीएम समन्वयक मनीष यादव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएचओ को सैंपल पैकिंग जांच केंद्र भेजना और रिपोर्ट को निक्षय पोर्टल पर समय से अपलोड करने की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सैंपल एकत्र प्रक्रिया में यदि समस्या हो तो सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) अन्य स्टाफ से सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 3312 से अधिक टीबी रोगी उपचाराधीन हैं जिनको निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से प्रतिमाह 500 रूपए की राशि भी दी जा रही है।
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