फिरोजाबाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चंद्रनगर महानगर के तत्वावधान में पूरे नगर में दस अलग-अलग स्थानों पर शस्त्र पूजन कर विजयादशमी पर्व एवं संघ का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों ने शस्त्रों का पूजन पुष्प अर्पण कर किया।
अधर्म पर धर्म की जीत और बुराई पर अच्छाई का परचम का प्रतीक यह पर्व सभी देशवासियों को प्रेरणादाई है। इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। वहीं दूसरी मान्यता ये भी है कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का इसी दिन वध किया था। हिन्दू संस्कृति में दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है। यह उद्गार विजयादशमी पर्व को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि महिषासुर नामक एक राक्षस था। जिसे ब्रह्मा से आशीर्वाद मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकता है। इस आशीर्वाद के कारण उसने तीनों लोक में हाहाकार मचा रखा था। इसके बढ़ते पापों को रोकने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्ति को मिलाकर मां दुर्गा का सृजन किया। मां दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर का मुकाबला किया और दसवे दिन मां दुर्गा ने इस असुर का वध कर किया। जिसके फलस्वरूप लोगों को इस राक्षस से मुक्ति मिल गई और चारों तरफ हर्ष का मौहाल हो गया। क्योंकि मां दुर्गा को दसवें दिन विजय प्राप्त हुई थी। इस कारण इस दिन को दशहरा या विजयादशमी के रूप में मनाया जाने लगा।
आज के दिन ही नागपुर स्थित मोहिता का बाड़ा में डॉक्टर हेडगेवार द्वारा शाखा का आयोजन किया गया। अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई। संघ की स्थापना केवल 5 बाल स्वयंसेवकों के साथ हुई। जो कि आज पूरे भारतवर्ष में ही नहीं अपितु विदेशों में अपनी एक पहचान बनाए हुए हैं। संघ के अनुषांगिक संगठन सेवा शिक्षा सहित प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं। विजयादशमी पर्व के दिन रूपा गया संघ रूपी पौधा आज विशाल वटवृक्ष के रूप में समाज के समक्ष प्रस्तुत है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अलग-अलग स्थानों पर हुए कार्यक्रमों के अध्यक्षों ने भारत माता एवं संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर किया। कार्यक्रमों में स्वयंसेवक अनुशासित तरीके से पूर्ण गणवेश में पंक्ति वध नजर आए। कार्यक्रम में सभी नगरों के नगर कार्यवाह, नगर कार्यकारिणी के सभी दायित्ववान स्वयंसेवक एवं महानगर के दायित्ववान स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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