फिरोजाबाद। नवरात्रि के अंतिम दिन देवी भक्तों ने माॅ सिद्विरात्रि की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी। वहीं कन्या-लागुरा को भोजन कराकर वृत पूर्ण किया। वहीं देवी मंदिरों में सुबह से लेकर देर शाम तक भक्तों की भीड़ रही।
गुरूवार की प्रातः ही भक्तों ने स्नान आदि कर माॅ की पूजा के लिए पूड़ी, हलुआ, चना, अन्न्कूट आदि पकवान बनाकर माॅ सिद्विरात्रि की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। वहीं कन्या लागुरा को भोजन कराकर व्रत पूर्ण किया। वहीं सुबह से ही राज राजेश्वर कैला देवी मंदिर, पथवारी माता मंदिर एवं उसायनी स्थित माॅ वैष्णों देवी मंदिरों में सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की भीड़ रही। जगह-जगह प्रसाद का वितरण किया गया। वहीं नेजा चढ़ाने का क्रम भी देर शाम तक जारी रहा।
बताते चलें नवरात्रि के अंतिम दिन माॅ सिद्विरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री महालक्ष्मी के समान कमल पर विराजमान हैं। मां के चार हाथ हैं। मां ने हाथों में शंख, गदा, कमल का फूल और च्रक धारण किया है। मां सिद्धिदात्री को माता सरस्वती का रूप भी मानते हैं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है।