फिरोजाबाद: कृषि कानूनों को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा बुलाए गए भारत बंद को लेकर किसान संगठनों में दो फाड़ हो गए हैं. भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने अपना बयान जारी करते हुए भारत बंद का विरोध करते हुए कहा है कि यह टिकैत एंड कंपनी की किसानों को परेशान करने की नीयत है. इससे किसानों का इससे कोई भला नहीं होगा बल्कि इससे अर्थव्यवस्था खराब होगी और किसान भी प्रभावित होंगे. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह बंद से दूर रहे साथ ही सरकार को चाहिए कि ऐसे लोंगो को सख्ती से रोकें।
आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा काफी समय से केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है. उन्हें वापस लेने की लगातार मांग की जा रही है. आंदोलन को कई महीने भी बीत चुके हैं लेकिन सरकार और किसान नेताओं के बीच कई बार हुई बातचीत बेनतीजा निकली, इसके कारण यह आन्दोलन लंबा खिंचता जा रहा है. समस्या का समाधान न होने की वजह से किसान यूनियन टिकैत ने 27 सितंबर को भारत बंद का आयोजन किया. यूनियन के इस बंद को विपक्षी दलों का समर्थन भी मिला हुआ है. जगह जगह प्रदर्शन भी हो रहे है. वहीं, फिरोजाबाद में इस बंद का कोई भी असर दिखाई नहीं दे रहा है।
दरअसल, भारत बंद को लेकर किसान नेताओं में दो फाड़ नजर आ रहे हैं. एक ओर जहां भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने कृषि कानून के विरोध में भारत बंद का आवाहन किया तो वहीं भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि टिकैत एंड कम्पनी अपनी आतंकवादी सोच को बढ़ावा दे रही है. इस बंद से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी, जिनमें किसान भी शामिल है. ऐसे में किसान नेताओं को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए. उन्होनें कहा कि ऐसा कर उन्होंने सरकार से भी मांग की की ऐसे आंदोलन को सख्ती से कुचल देना चाहिए।