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फिरोजाबाद: फिरोजाबाद में जहां डेंगू और वायरल से लोग परेशान हैं, सरकारी महकमा और चिकित्सा तंत्र इस महामारी को खत्म करने के लिए भरकस प्रयास कर रही तो वहीं कुछ लोग इस आपदा को अवसर की तरह भुनाने में कोई मौका नहीं छोड़ रहे. फिरोजाबाद में बढ़ती डेंगू महामारी की आपदा को नगर निगम के कुछ कर्मचारियों ने इसे अवसर में बदल लिया है. यहां डेंगू का लार्वा मारने के लिए नगर निगम द्वारा जो फॉगिंग कराई जाती है, उसमें प्रयुक्त होने वाला डीजल यह कर्मचारी बाजार में बेच देते थे. रंगे हाथ जब पकड़े गए तो उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई. पकड़े गए कर्मचारी नगर निगम में संविदा पर काम करते हैं। आपको बता दें कि यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू और वायरल फीवर ने महामारी का रूप धारण कर लिया है. 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. कहीं न कहीं बढ़ती इस बीमारी में नगर निगम की भी लापरवाही सामने आ रही है।

दरअसल, जिले के कई वार्डों में साफ सफाई का अभाव है. खाली प्लॉटों में गंदा पानी भरा रहता है. उनमें कूड़ा पड़ा रहता है, जिसमें डेंगू का लारवा पनप रहा है. मामला जब गंभीर हुआ तो इसकी गूंज लखनऊ तक पहुंची और लखनऊ से मिले निर्देशों के बाद नगर निगम हरकत में आया.

जिसके बाद पूरे शहर में स्वच्छता के साथ ही डेंगू का लारवा मारने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. उसी क्रम में हर मोहल्ले में वार्ड वाइज फागिंग कराई जा रही है. इस अभियान में करीब 100 गाड़ियां लगाई गई हैं. फॉगिंग में डीजल का प्रयोग होता है और नगर निगम के तमाम कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया गया है, लेकिन कुछ कर्मचारियों ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया है.

फॉगिंग के लिए जो डीजल मिलता है, यह कर्मचारी डीजल को बाजार में बेच देते हैं और फॉगिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है. ऐसा ही मामला रविवार को पकड़ में आया जब वार्ड नंबर 38 में फॉगिंग करने वाले कर्मचारी एक दुकान पर डीजल की सौदा कर रहे थे.

इसी दौरान किसी ने क्षेत्रीय पार्षद राजेश यादव को मामले की जानकारी दे दी. पार्षद ने मौके पर चार कर्मचारियों को डीजल बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. उन्होंने इसकी जानकारी नगर आयुक्त और महापौर को भी दी. मौके से डीजल भी बरामद हुआ है जिसकी मात्रा 25 से 40 लीटर के आसपास बताई जा रही है.

इस संबंध में नगर आयुक्त प्रेरणा शर्मा का कहना है कि उन्हें भी क्षेत्रीय पार्षद द्वारा दो कर्मचारियों द्वारा डीजल बेचने की शिकायत मिली है. प्रथमदृष्टया मामला सही पाया गया है. दोनों कर्मचारी संविदा पर कार्य करते हैं लिहाजा उनकी संविदा सेवा समाप्त कर दी गई है. उनका मानदेय भी जब्त किया जा रहा है. पार्षद अगर लिख कर देते हैं तो उनके खिलाफ एफ आई आर भी दर्ज कराई जाएगी.

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