WhatsApp Image 2024-03-22 at 8.27.56 PM
WhatsApp Image 2024-03-22 at 8.27.56 PM (1)
WhatsApp Image 2024-03-22 at 8.27.55 PM

लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण देश के साथ ही उत्तर प्रदेश में बेहद जानलेवा साबित हो चुका है। बीते वर्ष मार्च में भयानक रूप धारण करने वाली इसकी पहली लहर ने 17वीं विधानसभा के कई दिग्गजों को निगला तो दूसरी लहर भी बेहद घातक साबित हो रही है। बीते 15 दिन में कोरोना वायरस से संक्रमित भारतीय जनता पार्टी के चार विधायकों ने दम तोड़ा है। इनमें औरैया के रमेश चंद्र दिवाकर व लखनऊ पश्चिम से विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव का एक ही दिन 23 अप्रैल को निधन हो गया था। इसके बाद 28 अप्रैल को केसर सिंह गंगवार और शुक्रवार को दल बहादुर कोरी नहीं रहे।

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने जहां सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और उनकी पत्नी डॉ. जयश्री शर्मा को अपनी चपेट लिया, वहीं भारतीय जनता पार्टी के चार जनप्रतिनिधियों के लिए यह काल ही साबित हो गई। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और उनकी पत्नी इसके कहर से उबर गए हैं। बीते 15 दिन में रायबरेली के दल बहादुर कोरी से पहले लखनऊ पश्चिम से भाजपा विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव, औरैया सदर से भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर और बरेली के नवाबगंज से भाजपा के विधायक केसर सिंह गंगवार ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। यह सभी जिला पंचायत के चुनाव में बेहद सक्रिय थे।

कोरी का रायबरेली में लम्बा सफर रहा: रायबरेली के सलोन से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और जिले के कद्दावर नेता दल बहादुर कोरी का लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल में निधन हो गया। बीते करीब एक महीने से अपोलो में इलाज करा रहे दल बहादुर कोरी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। जिला पंचायत चुनाव के दौरान बेहद सक्रिय रहे दल बहादुर कोरी का शुक्रवार को निधन हो गया। भारतीय जनता पार्टी से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले दल बहादुर कोरी बसपा के साथ कांग्रेस में भी गए, लेकिन फिर भाजपा में वापसी की।

वह कोरोना संक्रमित थे। लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराये गये थे। वहां से रिपोर्ट निगेटिव आने पर छुट्टी मिल गई थी। दोबारा फिर तबीयत खराब हुई। जांच कराई गई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसके बाद परिवार के लोगों ने लखनऊ के अपोलो में भर्ती कराया था। दलबहादुर कोरी ने 1984 में कानपुर में भाजपा की सदस्यता ली। 1989 में राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे। 1991 मे भाजपा से टिकट मिला तो कांग्रेस के शिवबालक पासी चुनाव जीते। 1993 में दलबहादुर कोरी को भाजपा से टिकट मिला तो फिर कांग्रेस के शिवबालक पासी को हराया। 1996 में फिर चुनाव लड़े और शिवबालक पासी को हराया। 2002 में समाज कल्याण राज्य मंत्री रहते हुए चुनाव लड़े जिसमें समाजवादी पार्टी कि आशा किशोर से हारे। 2007 में भाजपा से टिकट न मिलने के बाद कांग्रेस में चले गये वहां भी टिकट न मिलने पर बसपा में शामिल हो गये और चुनाव लड़े। इसमें कांग्रेस के शिवबालक पासी ने हरा दिया। 2012 में भाजपा में वापसी की। सपा की आशा किशोर से हार गये । 2017 में टिकट मिला तो कांग्रेस व सपा समॢथत प्रत्याशी सुरेश चौधरी को हराया।

सात दिन वेंटिलेटर पर रहे सुरेश कुमार श्रीवास्तव: लखनऊ पश्चिम से भाजपा के विधायक रहे 76 वर्षीय सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने 23 अप्रैल को दम तोड़ा। उनके निधन के तीन दिन बाद ही उनकी पत्नी का भी निधन हो गया। उनका इलाज संजय गांधी पीजीआई में चल रहा था। पति व पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित थे।

लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के विधायक सुरेश श्रीवास्तव के निधन के तीसरे दिन ही उनकी पत्नी मालती श्रीवास्तव भी नहीं रहीं। भाजपा विधायक सुरेश चंद्र श्रीवास्तव निधन से लगभग 15 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। भाजपा विधायक के साथ में उनके निजि सचिव भी कोरोना संक्रमित हुए थे। भाजपा विधायक लंबे अरसे से जन सेवा में जुड़े हुए थे वह एक अनुभवी एवं कद्दावर राजनेता थे। सुरेश कुमार श्रीवास्तव बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे।

औरैया के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर का मेरठ में हुआ निधन: औरैया सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रमेश दिवाकर मेरठ के मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रमेश चंद्र दिवाकर को औरैया सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया था। वह क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयत्नशील रहने के साथ सहज उपलब्धता और मिलनसार स्वभाव के चलते उनके निधन को लोग क्षेत्र की बड़ी क्षति के रूप में देख रहे हैं। भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर 18 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हेंं मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां पर इलाज के दौरान 23 अप्रैल को उनका निधन हो गया है।

औरैया के तिलक नगर कॉलोनी में रहने वाले 56 वर्षीय रमेश दिवाकर दो दशक से ज्यादा समय से भाजपा से जुड़े थे। उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत औरैया शहर के चौधरी विशंभर सिंह भारती विद्यालय में बतौर व्यायाम शिक्षक से की थी। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे रमेश दिवाकर ने 2009 व 2014 में इटावा सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से भाजपा से टिकट की मांग की थी। विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की शादी लक्ष्मी देवी से हुई थी। इनके दो बड़ी बेटियां और दो बेटे हैं। 1964 में इनका जन्म इटावा में हुआ था। औरैया जिला तब इटावा जनपद की तहसील हुआ करता था। वह 2000 से आरएसएस से जुड़े रहे। 2004 से सक्रिय राजनीति में आए। जिसके बाद भाजपा ने नगर मंत्री, जिला मंत्री, महामंत्री और 2016 में जिला अध्यक्ष बनाया। उनको 2017 में भाजपा ने टिकट दिया जिसके बाद वह विधायक बने।

बसपा के बाद भाजपा में आए केसर सिंह गंगवार: बरेली के नवाबगंज से भारतीय जनता पार्टी के विधायक केसर सिंह गंगवार 2009 में बसपा से विधान परिषद के लिए चुने गए थे। इसके बाद वह 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए।

वह बरेली के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। कोरोना वायरस से संक्रमित 64 वर्षीय केसर सिंह गंगवार का 28 अप्रैल को नोएडा के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। गंगवार के परिवार में पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है।

रिक्त सीट पर उपचुनाव होना मुश्किल

उत्तर प्रदेश विधानसभा में अब चार सीट रिक्त हैं लेकिन इन पर उपचुनाव करा पाना मुश्किल होगा। फिलहाल बढ़े हुए कोरोना संक्रमण के कारण कम से कम तीन महीना चुनाव होना काफी मुश्किल है। इसके बाद 2022 फरवरी में 18 वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव होना है, जिसमें 9 महीने ही बचे हैं। ऐसे में उपचुनाव के आसार काफी कम ही हैं। वैसे नियमानुसार सीट रिक्त होने के छह महीने में ही चुनाव कराने का नियम है। अब चुनाव कराने या न कराने का निर्णय चुनाव आयोग को ही करना है।

17वीं विधानसभा के 13 सदस्य नहीं रहे, आठ को कोरोना ने निगला: प्रदेश में 17 वीं विधानसभा के सदस्य कमल रानी वरुण, घाटमपुर (कानपुर शहर), चेतन चौहान नौगावां सादात, (अमरोहा), जगन प्रसाद गर्ग आगरा सदर(आगरा), जन्मेजय सिंह देवरिया सदर(देवरिया), पारस नाथ यादव मल्हनी (जौनपुर), मथुरा प्रसाद पाल सिकन्दरा (कानपुर देहात),रमेश चंद्र दिवाकर औरैया सदर (औरैया), रामकुमार वर्मा पटेल निघासन (लखीमपुर खीरी) लोकेंद्र सिंह नूरपुर (बिजनौर), वीरेंद्र सिंह सिंह सिरोही बुलंदशहर सदर (बुलंदशहर) सुरेश कुमार श्रीवास्तव लखनऊ पश्चिम (लखनऊ), केसर सिंह गंगवार, नवाबगंज ( बरेली) और दल बहादुर कोरी, सलोन(रायबरेली) अब हमारे बीच नहीं हैं। इनमें से कमल रानी वरुण, चेतन चौहान, जन्मेजय सिंह, पारसनाथ यादव, सुरेश कुमार श्रीवास्तव, केसर सिंह गंगवार, रमेश चंद्र दिवाकर व दल बहादुर कोरी का निधन कोरोना वायरस के संक्रमण से हुआ है। स्वर्गीय कमल रानी वरुण व चेतन चौहान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। इनमें से नूरपुर के लोकेंद्र सिंह का निधन एक सड़क दुर्घटना में हुआ जबकि वीरेंद्र सिंह सिरोही कैंसर से पीडि़त थे।


About Author

Join us Our Social Media