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अपनी मां की जिंदगी बचाने के लिए 13 साल का बेटा ऑक्सीजन सिलिंडर पाने के लिए लंबी लाइन में लगा रहा। वह सिलिंडर लेकर घर पहुंचा तो ऑक्सीजन की आस में उसकी मां की सांसें थम चुकी थी। घर पर मां के शव को देखकर वह बिलख पड़ा। सुबह महिला का अंतिम संस्कार किया गया।

मुजफ्फरनगर में अलमासपुर निवासी राजेंद्र यादव एक कोल्ड स्टोर में कार्यरत हैं। उनके दो लड़के हैं। उनकी पत्नी 30 वर्षीय रानी यादव की नवरात्र के बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने रानी को जानसठ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया। कई दिनों तक यहां पर रानी का उपचार चला, लेकिन फेफड़ों में अचानक संक्रमण बढ़ने के कारण उसे निजी अस्पताल के चिकित्सक ने मेरठ के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने मेरठ ले जाने के बजाय उसको घर पर ही उपचार दिलाने का निर्णय लिया। परिजनों ने डॉक्टर की सलाह पर कोविड-19 टेस्ट कराया। परिजनों के अनुसार उसकी कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण वाले ही बने हुए थे। शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा तो घर पर ऑक्सीजन लगाने का बंदोबस्त परिजनों ने कर दिया।

इसके बाद दो बार और रानी का कोविड टेस्ट कराया गया, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव ही आई। उसका उपचार घर पर किया जा रहा था। परिजनों ने बताया कि दो दिनों से तबीयत में सुधार नजर आ रहा था। हालांकि बुधवार शाम अचानक ही महिला की सेहत बिगड़ गई। अपनी मां का जीवन बचाने के लिए उसका बेटा एकांश (13) ऑक्सीजन लेने के लिए निकला हुआ था। परिजनों के अनुसार रात्रि करीब दस बजे रानी ने दम तोड़ दिया। उस दौरान भी एकांश ऑक्सीजन लेने के लिए लंबी लाइन में खाली सिलिंडर लिए लगा हुआ था। उसको मां के देहांत के बारे में जानकारी नहीं थी। एकांश ने फोन कर अपने पिता को बताया कि वह 11 बजे तक सिलिंडर लेकर घर आएगा। पिता के सामने रानी का बेजान शरीर था, लेकिन वह बेटे को बता नहीं पाया। करीब 11.30 बजे के बाद एकांश ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर घर पहुंचा, तो वहां पर आस पड़ोस के लोगों की भीड़ थी। अंदर दाखिल होने पर मां की मौत की खबर मिली। रात्रि में परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी, दाह संस्कार सुबह भोपा रोड नई मंडी स्थित श्मशान घाट पर किया गया।

 


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