फोटो- वार्ता के दौरान जानकारी देते रामलीला कमेटी के पदाधिकारी
फिरोजाबाद। रामलीला महोत्सव समिति के पंजीयन निरस्त्रीकरण संबधी कार्यवाही पर उच्च न्यायालय ने अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। इस मामले में रामलीला महोत्सव समिति के सचिव आरपी सिंह की ओर से दायर याचिका पर निगम एवं अन्य संबधिंतों से छह सप्ताह के भीतर जबाब दाखिल करने को कहा गया है। जानकारी के मुताबिक रामलीला की 25 बीघा भूमि पर हनुमान ट्रस्ट एवं हर वर्ष रामलीला का मंचन कराने वाली संस्था श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के बीच संपत्ति स्वामित्व आदि का विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। गत दो जून वर्ष 2020 को हुई एक शिकायत के आधार पर प्रशासन एवं डिप्टी रजिस्टर फर्म एवं सोसायटी और चिट्स आगरा मंडल ने 14 अगस्त को श्रीराम लीला महोत्सव समिति का पंजीयन निरस्त किए जाने के आदेश जारी किए थे। महोत्सव समिति के सचिव आरपी सिंह के मुताबिक यह मामला फिलहाल आयुक्त फर्म एंड सोसायटी और चिटस के यहां पर लबिंत है। इसी आधार पर महोत्सव समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई उपरांत हाईकोर्ट दिनांक दो नवबंर को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें में डिस्टी रजिस्टार फर्म एंड सोसायटी और चिटस आगरा मंडल द्वारा गत 14 अगस्त 2020 को जारी श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के पंजीयन निस्तीकरण संबंधी आदेशों को आगामी सुनवाई तक रोक लगाने के आदेश जारी किए गए है। इस मामलंे में समिति सचिव आरपी सिंह द्वारा बुलेाई वार्ता के दौरान उमेश कुमार यादव, अशोक यादव, प्रदीप मित्तल, राकेश अग्रवाल, रामनरेश यादव एवं सोनू यादव आदि मौजूद थे।