संघ की सामाजिक समरसता गतिविधि के माध्यम से होंगे कार्यक्रम
फिरोजाबाद। हिंदू धर्म के प्रमुख महर्षि एवं संस्कृत के आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सामाजिक समरसता गतिविधि द्वारा जिलेभर में वाल्मीकि मंदिरों की स्वच्छता, साज-सज्जा के उपरांत दीप प्रज्वलन के कार्यक्रम करेंगें।
भारतीय संस्कृति के महानायक एवं प्राचीन काल से हिंदू जनमानस के आराध्य भगवान श्रीराम की कथा रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को प्रथम कवि भी माना जाता है। जिन्होंने संस्कृत साहित्य में सर्वप्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य रामायण की रचना की। विभाग प्रचारक धर्मेंद्र भारत ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी कठिन तपस्या से ज्ञान अर्जित करने के उपरांत महर्षि की पदवी प्राप्त की थी। उनके बारे में यह उक्ति सर्व प्रचलित है कि उल्टा नाम जपत जग जाना, बाल्मीकि भए ब्रह्म समाना। ऐसे महान ज्ञानी ऋषि को प्रभु श्री राम ने अपनी पत्नी सीता के गर्भकाल में संरक्षण का दायित्व सौंपा था। लव-कुश की शिक्षा-दीक्षा और संस्कार महर्षि वाल्मीकि जी के कुशल निर्देशन में हुए। जिसके फलस्वरूप उन्होंने श्री राम के अश्वमेध यज्ञ के दौरान महाबली योद्धाओं को बाल्यकाल में ही पराजित कर दिया था। संघ कार्यकर्ता जिले भर के वाल्मीकि मंदिरों में उनकी जयंती के उपलक्ष्य में मंदिरों की स्वच्छता के उपरांत संध्या काल में दीप प्रज्वलन कर महर्षि वाल्मीकि की पूजा-अर्चना करेंगे।