मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार कक्ष में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद मंे चिन्हित ब्लैक स्पेटों पर जो भी दुर्घटनाऐं हुई है, उसके कारणों की जांच की जाएं, जिसके लिए एक समिति का निर्माण किया जाए, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्यवाहियां की जाए, साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि एम्बुलंेस की उपलब्धता कम दूरियों पर सुनिश्चित की जाए, जिससे दुर्घटना स्थल पर पहुंचने पर कम समय लगें, साथ ही साथ उन्होने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी के लिए स्कूलों, काॅलेजों से ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कराया जाए, साथ ही साथ बस ड्राइवरों इत्यादि को भी प्रशिक्षित किया जाए, जिससे इन दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया गया कि वर्ष 2024 में जनवरी से अक्टूबर तक 561 सड़क दुर्घटनाऐे हुई है, जिसमें 276 लोगों की मृत्यु हुई है, वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा दुर्घनाऐं राष्ट्रीय राजमार्ग में 44.23 प्रतिशत, ग्रामीण मार्ग में 16.15 प्रतिशत, राजमार्ग में 15.77 प्रतिशत हुई है, इन दुर्घटनाओं में 18 वर्ष से कम आयु के नवयुवकों में दुर्घटना का प्रतिशत 55.80 प्रतिशत है, जो सबसे अधिक है, जबकि 18 से 25 वर्ष में 6.86 प्रतिशत और 25 से 35 वर्ष के बीच में 13.82 प्रतिशत हुई है, इन दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन से होने से वाले दुर्घटनाओं का प्रतिशत सबसे अधिक है।
स्टेक होल्डर्स विभागों के द्वारा सड़क दुर्घटनाओं के निवारण व नियंत्रण हेतु मुख्य उपाय के तौर पर ‘‘4ई‘‘ पर आधारित बात की गयी है, जो इस प्रकार है,
1- इंजीनियरिंग रोड एवं व्यीकल्स्, सडक निर्माण एजंेसिंया
2- इंफोर्समेंट आॅफ ट्रेफिक लाॅज, पुलिस एवं परिवहन विभाग
3- ईजुकेशन एण्ड ट्रैनिंग, पुलिस, परिवहन एवं शिक्षा विभाग
4- इमरजेन्सी मेडिकल सर्विसेेज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
बैठक के दौरान यह पाया गया कि सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवर स्पीडिंग के अतिरिक्त अधिकांशत् ग्रामीण मार्गाें का राजमार्ग/प्रमुख जिला मार्ग/अन्य जिला मार्गाें का इंटरसेक्शन/जंक्शन होता है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में सडक यातायात जागरूकता सम्बन्धित पाठयक्रम का प्रचार-प्रसार हो, सडक यातायात विषयों पर चित्रकला, रंगोली, निबन्ध लेखन, भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हो, सड़क दुर्घटना होने पर गोल्डन आवर्स में घायलों को चिकित्सा हेतु ट्रामा सेन्टर व हाॅस्पीटल पहुचाने की पर्याप्त व्यवस्था हो, क्यांेकि जागरूकता ही वह माध्यम है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन दुर्घटनाओं से बचाया जा सकता है। बैठक के दौरान सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।