स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं से जिलाधिकारी ने की वार्ता।

नए-नए तकनीकों से जुडने का दिया परामर्श।

महिलाओं ने इस दौरान जिलाधिकारी से विस्तार से अपने कार्याें का रखा ब्यौरा

सशक्त महिला ही सशक्त समाज की निर्मात्री होती है: जिलाधिकारी

सशक्त महिला, सशक्त समाज की निर्मात्री होती है महिलाओं को स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से जनपद में सशक्त किया जा रहा ह। इसी क्रम में जिलाधिकारी रमेश रंजन ने विकासखण्ड हाथवंत में स्वंय सहायता की महिलाओं एवं बीएमएम के साथ विस्तृत परिचर्चा की। साथ ही उन महिलाओं से वार्ता भी की जो इस क्षेत्र में विशिष्ट कार्य कर रहीं है। स्वंय सहायता समूह से जुडी महिलाओं ने स्वंय सहायत समूह के माध्यम से मिल रहे लाभों से जिलाधिकारी को अवगत कराया इस दौरान नीतू देवी, शोभा देवी, प्रतिभा देवी इत्यादि ने स्वंय सहायता समूहों से जुडने के पश्चात् उनके जीवन मे आए बदलाव को विस्तार से बताया। प्रेमलता नाम महिला ने बताया कि वह गांव-गांव जाकर समूहों का गठन कराती है, जिसके एवज में उसे अपने ब्लाॅक से स्वंय सहायता समूह का गठन कराने पर 15 हजार रू0 और अन्य ब्लाॅक में स्वंय सहायता समूह का गठन कराने पर 22 हजार रू0 मिलते है। जिलाधिकारी ने यहां आए बैंक अधिकारियों से वार्ता भी की और उनसे कहा कि आपके यहां समूहों से सम्बन्धित जो भी पंेण्डेंसी है उन्हे त्वरित खत्म करें। मार्ग श्री इण्टरप्राइजेज के मालिक सिंह राज सिंह भी मौजूद थे उन्होनें कहा कि मैं अपने यहां स्वंय सहायता समूह की महिलाओं से उत्पादोें का निर्माण कराऊंगा, मेरे यहां 500 से 1000 खिलौने प्रतिदिन बनते है, मैं चाहता हुॅ कि मेरे यहां ज्यादा से ज्यादा महिलाऐं भागीदारी करें, इसके लिए जरूरी है इन महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात् मेरे द्वारा इन महिलाओं को उत्पादों के निर्माण में लगाया जाएगा। इस तरह जिलाधिकारी ने कहा कि 40 से 50 कम्पनियां ऐसी है कि जो आपके साथ एम0ओ0यू0 करने के लिए तैयार है, बस जरूरत है कि आपका समुचित प्रशिक्षण हो। जिलाधिकारी ने कहा कि जितनी भी नई चीजेें आ रही है उनका आप प्रशिक्षण प्राप्त करें नई तकनीक से जुडें़ और अपने आप को सशक्त बनाए, क्योकि हमारी सरकार का भी उददेश्य ही है कि सशक्त महिला से सशक्त समाज बनता है। इसके लिए आर्थिक सशक्तिकरण जरूरी है।
इसके पश्चात् जिलाधिकारी ने एएनएम में प्रशिक्षित महिलाओं से वार्ता की। उनको अवगत कराया गया कि यह महिलाऐं टीकाकरण में, प्रसव पूर्व देखभाल में, इनका प्रमुख योगदान रहता है। इसके अलावा सूक्ष्म कार्ययोजना बनाना, सत्र का आयोजन करना, रिपोर्टिंग की सम्पूर्ण जिम्मेदारी, उप केन्द्र, शहरी हेल्थ पोस्ट की जिम्मेदारी भी इन पर रहती है। जिलाधिकारी ने कहा कि आप सभी के ऊपर महत्वपूर्ण दायित्व है, जिनका निर्वहन आपको सेवा भाव से करना चाहिए, जिससे महिलाऐं लाभ प्राप्त कर सके। बच्चे स्वस्थ्य पैदा हो, कुपोषण मुक्त हो। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 राम बदन राम, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 विशु राजा, एलडीएम, सहित सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।

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