प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण): पात्रता सूची में किए गए नए संशोधन और जागरूकता अभियान पर जोर
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, जिसे भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है, का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी बेघर और आवास विहीन परिवारों को पक्की छत प्रदान करना है। योजना के तहत पात्रता सूची तैयार करने के लिए नए सिरे से सर्वेक्षण कार्य कराया जा रहा है ताकि सही लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सके। इस संबंध में जिलाधिकारी रमेश रंजन ने मीडिया कर्मियों को जानकारी दी और योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता सूची में नाम होना अनिवार्य है। सूची में शामिल होने के लिए परिवार को कुछ मानकों पर खरा उतरना होगा। इनमें आश्रय विहीन, बेसहारा और भीख मांगने वाले परिवार, आदिम जनजातीय समूह, और बंधुआ मजदूर शामिल हैं।इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि योजना से पात्र लाभार्थियों को मदद मिल सके। साथ ही, ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों पर वॉल राइटिंग के माध्यम से योजना की जानकारी दी जाएगी। तहसील और थाना दिवसों में भी खंड विकास अधिकारियों द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, मॉडल आवासों को चिन्हित लाभार्थियों को दिखाया जाएगा ताकि वे योजना के बारे में अधिक जागरूक हो सकें।इस योजना में दो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले जिन व्यक्तियों की औसत मासिक आय ₹10,000 होती थी, उन्हें अपात्र माना जाता था, लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर ₹15,000 कर दिया गया है। साथ ही, पहले दो पहिया वाहन रखने वालों को योजना का लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब वे इस योजना के तहत पात्र होंगे। हालांकि, मोटर युक्त तिपहिया या चारपहिया वाहन रखने वाले अब भी अपात्र रहेंगे।