पूर्व सांसद एवं कवि ओमपाल सिंह निडर की 1980 में लिखी गई कविता की चार लाइन आज हुई सच मंदिर बनाकर हुआ है पूरा।
फिरोजाबाद में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद एवं कवि ओमपाल सिंह निडर ने 1980 में सहारनपुर में उनके साथ हुए अपमान को लेकर मंच से कविता की चार लाइन कही थी “सदियों से जो हुआ नहीं है वह करके दिखलाएंगे” “कोई कुछ भी कहे किंतु बहकावे में नहीं आएंगे”जो बाधा बनकर आएगा उसको मार भगाएंगे”सौगंध राम की कहते हैं हम मंदिर वहीं बनाएंगे”ओमपाल सिंह नगर कहना है जब 1984 में विश्व हिंदू परिषद का आंदोलन चला और 1990 तक यह कविता नोबंद हो गई मैं तो शुक्र गुजार हूं कल्याण सिंह जी का जिन्होंने मुझे टिकट दिलवाकर सांसद बनाया था और इस अयोध्या के आंदोलन में उस समय कई कार सेवक ने अपनी जान दी आज उन्हीं के बलिदान के बाद आज राम मंदिर बनकर तैयार हो गया मैं आज बहुत खुश हूं कि मेरे मुंह से चार पंक्तियां लिख गई दीवार और जेल की दीवारों पर भी लिख गई वहीं अब मथुरा काशी के लिए भी मैंने दूसरी कविता भी लिखी है “कर साकार सपना अवध का मथुरा काशी जायेंगे”अब सौगंध श्याम की खाते हैं हम मंदिर वहीं बनाएंगे। मैं तो आज इतना खुश हूं कि मेरे मुंह से निकले कविता आज सच हो रही है। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है।