श्रीमान अपर पुलिस महानिदेशक महोदय आगरा जोन आगरा द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ऑपरेशन जागृति के अनुपालन में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद के निकट पर्यवेक्षण एवं अपर पुलिस अधीक्षक नगर के कुशल निर्देशन में जनपद के समस्त थाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम / वार्ड स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ।
ऑपरेशन जागृति अभियान के अन्तर्गत पुलिस व प्रशासनिक टीम के पदाधिकारियों के माध्यम से जनपद के समस्त मोहल्लों / ग्रामों में जाकर महिलाओं / बालिकाओं व उनके अभिभावकों संग संवाद स्थापित कर उनके साथ काउसलिंग व रेफरल सुविधा उपलब्ध कराएंगे । उनको साइबर बुलिंग व यौन शोषण से बचाव हेतु जागरूक व सचेत करते हुए उनको उनके अधिकारों व सुरक्षा के सम्बन्ध में जागरूक करेंगे । भूमि / जमीनी विवादों में महिलाओं को ढाल के रूप में प्रयोग किया जाता है । मुकदमे बाजी में उनको आगे करते हुए झूठे मुकदमें लिखाए जाते हैं जिससे समाज में एक दूसरे के प्रति आक्रोश फैलता है, काउसलिंग के माध्यम से इस प्रकार के मामलों में कमी लाना भी उक्त अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य है ।
ऑपरेशन जागृति के तहत निम्नलिखित मुख्य बिन्दुओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है–
♦️ हिंसा से पीडित महिलाओं / बालिकाओं को काउंसलिंग व रेफरल सुविधा उपलब्ध कराना ।
🔷 युवा बालिकाओं को साइबर हिंसा / यौन शोषण से बचाव हेतु जागरूक व सचेत करना ।
🔶 पॉक्सो अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के प्रति जागरूक व सचेत करना ।
♦️ किशोरियों के साथ हैल्दी रिलेशनशिप व जीवनशैली पर अभिभावकों को जागरूक करना ।
🔷 महिलाओं / बालिकाओं को अपने अधिकारों व सुरक्षा के बारे में समझ व जागरूकता पैदा करना ।
🔶 समुदाय को झूठे मुकदमों से होंने वाली क्षति के बारे में जागरूक करना व ऐसे मामलों में कमी लाना ।
♦️ विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग के प्रति लोगों को सचेत करना ।
🔷 भूमि/ जमीनी विवादों के मामलों में महिलाओं का ढाल बनाना दुर्पयोग करना ।
आज दिनाँक 12-01-2024 को जनपद में आयोजित किए गये ऑपरेशन जागृति से सम्बन्धित कार्यक्रमों में Sexual offence against Women पर विस्तृत रुप से जानकारी दी गयी-
1. Sexual offence against Women- सामान्यतः हम लोग देखते हैं कि बालिकाओं व महिलाओं के साथ जो अपराध व हिंसा का शिकार होती है, जिस कारण समाज उनको हीन दृष्टि से देखता है या फिर कहें कि समाज द्वारा उनके साथ दोहरा व्यवहार किया जाता है । ऐसे मामलों में हमें पीड़ित बच्ची / महिला को समझना होगा, उसको सहारा देना होगा ।
जैसे- उदाहरण के तौर पर देखा जाये कि मोहन नाम का एक व्यक्ति बस से आगरा जा रहा है इसी दौरान बस में रोहित नाम का दूसरा व्यक्ति उसका पर्स चुरा लेता है । तो यहां पर पीड़ित कौन हुआ? मोहन । तो हम मोहन के साथ अपनी सहानुभूति प्रकट करते हैं । वहीं दूसरी ओर रोहित नाम का व्यक्ति, जिसने मोहन का पर्स चुराया था, उसके प्रति कहीं ना कहीं हमारा गलत दृष्टिकोण रहता है। जो कि ठीक है । क्योंकि रोहित ने पर्स चुराया है और वह एक चोर है इसलिए उसके प्रति समाज का दृष्टिकोण ठीक नहीं होता है ।
लेकिन यदि दूसरा उदाहरण देखे कि यदि किसी महिला के साथ कोई लड़का छेड़छाड़, गलत कार्य या अन्य कोई अपराध करता है तो ऐसी स्थिति में हम उस लड़की को एक हीन दृष्टि से क्यों देखते हैं जबकि उसके साथ अपराध तो लड़के ने किया है । ऐसी स्थिति में कभी-कभी हमारा समाज उस लड़की को स्वीकार करने से भी कतराता है जो कि गलत है । ऐसे में हमें उस महिला का सहारा बनना है, उसको समझाना है । क्योंकि वो लड़की जिसके साथ इस प्रकार की घटना होती है तो वो सोचती है कि मैं समाज में कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रही हूं । मेरी बहुत बेज्जती हो चुकी है । समाज मुझे हीन दृष्टि से देखेगा और तरह-तरह की बातें उसके दिमाग में आती हैं। जिसकी वजह से वह लड़की ट्रामा में चली जाती है । कई मामलों में पीड़ित द्वारा आमहत्या कर ली जाती है या आत्महत्या करने की कोशिश की जाती है । हमें उसको महिला को ट्रामा से निकालना है, उसकी लीगल हेल्प करनी है एवं उसके साथ एकजुट होकर खड़ा रहना है ताकि वह अपने जीवन की एक नई शुरुआत कर सके और सम्मान पूर्वक अपना जीवन जियें ।