माननीय श्री हरवीर सिंह, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश /सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री यजुवेन्द्र विक्रम सिंह, द्वारा दिनांक 11-07-2023 को जिला कारागार फिरोजाबाद में बंदियों के हितार्थ कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया।

उपरोक्त कार्यक्रम में जेल अधीक्षक श्री ए०के० सिंह, जेलर श्री आनन्द सिंह, डिप्टी जेलर श्री अरूण कुमार सिंह, श्री नीरज कुमार व सुश्री क्षमा शर्मा, श्री पंकज निर्वाण उपायुक्त उद्योग/जिला समन्वयक कौशल विकास कार्यक्रम अधिकारी आदि उपस्थित रहे। कौशल विकास कार्यक्रम के प्रथम बैच हेतु 51 बंदियों द्वारा पंजीकरण कराया गया। कौशल विकास कार्यक्रम के तहत काँच पर चित्रकारी का कार्य किया जा रहा है, उक्त चित्रकारी को सभी अधिकारियों द्वारा देखा व सराहा गया। उत्तर प्रदेश कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वयं सेवी संस्थाआें के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

माननीय श्री हरवीर सिंह, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम को चलाये जाने के मुख्य उददेश्य के बारे में बताया कि कर्इ बंदी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से है तथा मुकदमे के कारण अधिवक्ता की फीस व भागदौड़ का अतिरिक्त व्यय परिवार पर आ पड़ा है। अधिवक्ता की फीस ना दे पाने की स्थिति में उनके मुकदमों की पैरवी उचित प्रकार से नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार महिला बंदियों में असुरक्षा की भावना भी देखी गई उन्हें भय था कि जेल से निकलने के बाद उनका परिवार व समाज उन्हें स्वीकार करेगा या नहीं। जेल में निरूद्ध बंदी चाहे वह महिला हो या पुरुष अपराधी होने का दाग लग जाने के कारण तथा परिवार व समाज से दूर हो जाने के कारण अन्यन्त तनावग्रस्त रहते हैं तथा उनमें आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान की कमी भी पायी गयी। उनमें कई बंदी ऐसे हैं जो जेल में निरुद्ध होने से पहले किसी नौकरी या रोजगार में लिप्त थे तथा एक सामान्य जीवन बिता रहे थे किन्तु जेल में निरूद्ध होने के पश्चात ना केवल वह वर्तमान नौकरी या रोजगार से वंचित हो गये थे अपितु उन्हें यह भी डर था कि जेल से निकलने के पश्चात कोई उन्हें नई नौकरी या रोजगार प्रदान करेगा या नहीं। इसी प्रकार अनेक ऐसे बंदी भी जेल में निरुद्ध है जो अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। जेल में निरुद्ध होने के बाद ना ही कोई उनकी पैरवी करने वाला था और ना ही वे अपने परिवार की सहायता करने की स्थिति में थे। उनकी तनावपूर्ण मनोदशा, कमजोर आर्थिक स्थिति एवं सशंकित भविष्य के सन्दर्भ में कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता थी। इस हेतु यह विचारित किया गया कि इनके पुर्नवास हेतु कौशल विकास के प्रशिक्षण द्वारा इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाये जिससे ना केवल ये अपना खोया हुआ आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान प्राप्त कर सकें अपितु कौशल के बल पर स्वयं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ सके।

प्राधिकरण के सचिव श्री यजुवेन्द्र विक्रम सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फिरोजाबाद द्वारा शिविर की पृष्ठभूमि एवं उद्देश्य के संबंध में प्रकाश डालते हुए कथन किया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से बंदियों का पुर्नवास करना एवं उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि उन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जायेंगे जिसका उपयोग से ना केवल जेल में रहने के दौरान अपितु बाहर जाने पर भी आय अर्जन करने हेतु कर सकते हैं तथा अतीत को भूलकर अपने जीवन का नया अध्याय प्रारम्भ कर सकते है।

श्री पंकज निर्वाण उपायुक्त उद्योग/जिला समन्वयक कौशल विकास कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि चूंकि फिरोजाबाद काँच के उद्योग से प्रचलित है जिस कारण बंदियों को काँच के ग्लास पर चित्रकारी (डेकोरेटिव ग्लास कटर) सिखाया जायेगा ताकि भविष्य में उपरोक्त बंदियों को उद्योग से जोडा जा सके।

श्री लियाकत अली, नामिका अधिवक्ता, फिरोजाबाद द्वारा बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता उपलब्ध कराये जाते हैं जो मामले में पूर्ण निष्ठा से पैरवी करते हैं।

कार्यक्रम समाप्ति से पूर्व माननीय जिला जज द्वारा उपरोक्त कार्यक्रम को संबोधित के लिए दोहा कहा कि “नर हो न निराश करो मन को, कुछ काम करो कुछ काम करो, जम में रह कर नाम करो” तथा बंदियों को कहानी के माध्यम से प्रेरित करते हुए सीख दी कि श्रद्घा में कोर्इ कमी नहीं होनी चाहिए, कर्म करोगे तो फल प्राप्त संभव है।

कार्यक्रम के समापन पर जेल अधीक्षक श्री एे०के सिंह द्वारा करते हुए उपस्थित समस्त अतिथियों एवं प्राधिकरण के प्रति आभार प्रकट किया।

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विभिन्न विद्यालयों के छात्र / छात्राओं के साथ-साथ यातायात प्रभारी मय पुलिस टीम, अन्य विभागों के अधिकारियों / कर्मचारियों, स्वंय सेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों एवं स्काउट गाईट के द्वारा अटल पार्क में मानव श्रृखंला का निर्माण किया