फिरोजाबाद। प्रजापिता ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के कैला देवी सेंटर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था कि प्रथम संचालिका जगदम्बा सरस्वती मम्मा का स्मृति दिवस सादगी के साथ मनाया गया। उनके अनुयायियों ने उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
संचालिका सरिता दीदी ने कहा कि मम्मा सर्व गुणों की खान और मानवीय मूल्यों की विशेषताओं से सम्पन्न थीं। मम्मा ने हर बच्चे की कमियों को स्वयं में समाया, उनकी गलती कभी फैलायी नहीं। वास्तव में यही सच्चा स्नेह है। मम्मा ने कभी किसी को मौखिक शिक्षा नहीं दी बल्कि अपने प्रैक्टीकल जीवन से प्रेरणा दी। इसी से दूसरे के जीवन में परिवर्तन आ जाता था। मम्मा के सामने चाहे कितना भी विरोधी, क्रोधी, विकारी, नशेड़ी आ जाता, परन्तु मम्मा की पवित्रता, सौम्यता व ममतामयी दृष्टि पाते ही वह शांत हो जाता और मम्मा के कदमों में गिर जाता। मम्मा की सत्यता, दिव्यता व पवित्रता की शक्ति ने लाखों कन्याओं के लौकिक जीवन को अलौकिकता में परिवर्तित कर दिया। उन कन्याओं ने अपना सर्वस्व त्याग कर विश्व को अपना परिवार स्वीकार करके विश्व की सेवा में त्याग व तपस्या द्वारा जुट गईं। मम्मा सरस्वती ने 24 जून 1965 को अंतिम सांस ली। इस दौरान डॉ प्रभास्कर राय, अनुपम शर्मा, मनोज शर्मा, ध्रुव कुमार आचार्य सहित अन्य लोगों ने मम्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रंद्वाजली अर्पित की।

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