डीएम ने विकास कार्याें की समीक्षा बैठक में हर घर जल योजना के रेट्रो फीटींग की खराब गुणवत्ता व प्रधानों, ग्रामीणों की प्राप्त शिकायतों पर एक्सईएन जल निगम ग्रामीण को लगाई फटकार, अग्रिम आदेशों तक रोका वेतन, सुधार नही होने पर शासन स्तर से कार्यवाही के दिए निर्देश।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी का अनुपस्थित रहने व कार्याें में लापरवाही पर स्पष्टीकरण की कार्यवाही के दिए निर्देश।
जिलाधिकारी रवि रंजन की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित मा0 मुख्यमंत्री जी के विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों व निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, विद्युत चिकित्सा पेयजल योजना वन संबंधित ,जिला पंचायत, खादी ग्रामोद्योग, पशु चिकित्सा, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जल निगम व सेतु निगम आदि विभागों द्वारा जनपद में संचालित कार्यों की एक-एक कर गहनता से समीक्षा की।
जल निगम ग्रामीण की समीक्षा के दौरान उन्होने पाया की जल जीवन मिशन योजना केे अन्तर्गत हर घर जल के लिए रेट्रो फीटिंग द्वारा कराए गए कार्याें व खराब गुणवत्ता के कारण ग्रामीणों के घरों तक पाइप पेयजल नही पहुंच रहा है, इसके सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने बताया कि अभी हाल ही में आठ ग्राम प्रधानों ने लिखित शिकायत की है कि उनकी ग्राम सभा में पानी सप्लाई नही हो रही है, पाइप पेयजल योजना खराब गुणवत्ता के रैट्रो फीटिंग कार्याें के सम्बन्ध में पिछली दिशा की बैठक में क्षेत्रीय सासंद डा0 चन्द्रसैन जादौन ने भी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसकी जिलाधिकारी द्वारा जांच कराई जा रही है। जल निगम की रैट्रो फीटिंग के खराब गुणवत्ता के कार्याें की जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों, ग्रामीणों द्वारा लगातार प्राप्त हो रहीं शिकायतों व इस गर्मी केे मौसम में ग्रामीण जनता की पेयजल की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने एक्सईएन जल निगम ग्रामीण पंकज कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने के निर्देश दिए। उन्होने स्पष्ट कहा कि कार्यांे में सुधार नहीं होनेे पर आपके विरूद्ध और आपके साथ पहले से कार्य देख रहे सहायक अभियन्ता सुनिल कुमार के विरूद्ध शासन स्तर पर कड़ी कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा, जिसके आप स्वंय जिम्मेदार होंगे। इसी प्रकार से बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी आभा सिंह के अनुपस्थित रहने व उनके कार्यांे में शिथिलता व लापरवाही पाए जाने पर उनका स्पष्टीकरण लेने के साथ उनके विरूद्ध भी शासन स्तर पर लिखें जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
निर्माणाधीन कार्याें, परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान उन्होने सभी कार्यदायी संस्थाओं को कडे़ निर्देश दिए कि कार्याें की गुणवत्ता परखने के लिए लगाए गए जिला स्तरीय अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान कार्याें की गुणवत्ता खराब पाए जाने पर कार्यदायीं संस्थाएंे अपने ठेकेदारों को दण्डित करते हुए उनके भुगतान में कटौती कर उन्हे अवगत कराऐं। उन्होने निरीक्षण में लगाए गए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दियें कि निरीक्षण के लिए उनको दी गयी निर्माणाधीन परियोजनाआंें के कार्यांें की समयबद्धता व गुणवत्ता को मौके पर जाकर देखें और उसकी स्पष्ट आख्या जिला अर्थ संख्याधिकारी को उपलब्ध कराऐ। जिन मामलों में अंर्तविर्भागीय समन्वय की आवश्यकता हो, उन्हे तत्काल उनके संज्ञान में लाया जायें। बैठक के दौरान उन्होने सभी कार्यदायीं संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कार्य के दौरान आ रही समस्याओं की भी जानकारी प्राप्त की तथा मौके पर ही मौजूद अधिकारियों को निर्देशित करते हुये उनका निराकरण भी कराया। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, परियोजना निदेशक, जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ए0के0दीक्षित, बेसिक शिक्षाधिकारी सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद रहें।