फिरोजाबाद। बालक-बालिकाओं की सुरक्षा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की एक बैठक सत्यनाम सदन कबीर नगर में आयोजित की गई।
बाल संरक्षण समिति की बैठक में बाल विवाह, बालश्रम एवं बाल शोषण आदि को प्रभावी ढंग से रोकने एवं आउट ऑफ स्कूल बच्चो को शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत सभी को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए शासन और समाज के सहयोग से प्रभावी कदम उठाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही समय-समय बच्चों के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओ पर तत्काल पुलिस एवं प्रशासन से सहायता प्रदान करने के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया। जिसमें क्षेत्रीय पार्षद को समिति का अध्यक्ष, लेखपाल, सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक, एएनएम, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ती तथा समुदाय दो अभिभावकों जिनमें एक महिला और एक पुरुष को सम्मिलित किया गया। बैठक में समिति के उद्देश्यों को समझाते हुए चाइल्ड फंड इंडिया दिशा संस्था की बाल संरक्षण कोऑर्डिनेटर रेखा वर्मा ने कहा कि इस समिति का उद्देश्य बच्चों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के साथ ही उनके साथ होने वाले अत्याचार एवं शोषण से बचाना है। शोषण के शिकार पीड़ित बच्चों को सरकारी एवं कानूनी सहायता उपलब्ध कराकर होने वाली घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाना है। बैठक में सरोजिनी नायडू विद्यालय के प्रधानाचार्य भगवानदास शंखवार, आरती राठौर, सोनतारा, आस्था सक्सेना, वीरवती आदि मौजूद रहे।

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