थाना रामगढ़ पुलिस टीम द्वारा 19 नवम्बर को हुयी हत्या की घटना का किया गया सफल अनावरण

सीओ टूण्डला ने दी जानकारी, 02 अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार ।
*मोबाइल चोरी के शक में दोस्तों ने ही की थी विजय की हत्या *

फ़िरोज़ाबाद-ज्ञात हो 19 नवम्बर 2022 को वादी अशोक कुमार पुत्र पीतम्बर निवासी रविदास नगर सैलई थाना रामगढ फिरोजाबाद द्वारा अपने पुत्र विजय कुमार उम्र करीब 22 वर्ष को घर से बुलाकर हत्या कर देने के सम्बन्ध मे प्रार्थना पत्र दिया गया था । प्रार्थना पत्र पर त्वरित कार्यवाही करते हुये थाना रामगढ़ दी गई तहरीर पर करुआ आदि 06 लोगो के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया
सीओ टूण्डला हरिमोहन सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद द्वारा उक्त घटना पर संज्ञान लेकर वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था जिसके क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक नगर के पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी टुण्डला व क्षेत्राधिकारी नगर के कुशल नेत्तृव मे थाना रामगढ पुलिस वाँछित अभियुक्तो के सम्बन्ध में जानकारी जुटा रही थी तभी मुखबिर ने सूचना दी कि अभियुक्त करुआ उर्फ महेश पुत्र राजवीर और रामप्रकाश उपरोक्त फरार होने की फिराक मे ठारफूटा चौराहे के पास खडे है । मुखबिर की सूचना पर थाना रामगढ पुलिस टीम ने कार्यवाही करते हुए दोनों अभियुक्त करुआ उर्फ महेश, रामप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया । आलाकत्ल ईट को घटना स्थल से बरामद किया गया तथा अभियुक्त की निशादेही पर घटना में प्रयुक्त एक तिरपाल प्लास्टिक नीली कलर खून के धब्बों से सनी व अभियुक्त रामप्रकाश का खाकी कलर खून से सना हुआ बरामद किया गया। जिसके आधार पर अभियुक्तगण के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है। पूछताछ पर अभियुक्तों ने बताया कि दिनांक 18/11/2022 को हम दोनों व विजय कुमार तीनो लोगो ने साँती रोड पर देशी शराब के ठेके के पास शराब पी थी शराब पीने के बाद विजय ने रामप्रकाश का मोबाइल छिपा लिया था जिसको लेकर हम तीनों मे आपस मे झगडा होने लगा फिर हम तीनो लोग झगडा करते हुये ग्राउन्ड मे आ गये । हम दोनों ने विजय के सिर मे ईट मार दी और विजय गिर गया और बेहोश हो गया । अँधेरे मे हमको ज्यादा कुछ नही दिख रहा था फिर हम दोनों ने विजय के फिर ईटे मारी । हम दोनो ने विजय के कपडे उतार कर फैक दिये और हम दोनो ने उसके गुप्ताँगो पर भी ईटो से चोट मारी थी । विजय को एक साइड मे रख कर हम दोनो, रामप्रकाश के घर आये रामप्रकाश ने अपने घर से नीले कलर की त्रिपाल ली । फिर हम दोनों ने विजय को त्रिपाल मे लपेट लिया और विजय की लाश को एक सूनसान खपरैल वाली कोठरी, जिसमें कोई रहता नहीं है दरवाजा भी नहीं लगा है में ले जाकर छिपा दिया था और हम अपने घर आ गये । करुआ उर्फ महेश ने जो कपङे पहने था उसमें खून के दाग लग गये थे जिन्हें करुआ उर्फ महेश ने अपने घर की छत के ऊपर रात में जलाकर राख को हवा में बिखेर कर फैंक दिया था । जब हमे पता चला कि कि हम दोनो के खिलाफ मुकदमा लिख गया है तो हम लोग हम दोनों पकङे जाने के डर से भाग गये थे और आज हम दोनों बाहर जाने के बारे में सोच रहे थे कि आप लोगों ने पकङ लिया ।

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