हाईकोर्ट में शिकायत होने के बाद डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स फंड आगरा ने रामलीला कमेटी को किया अमान्य
फिरोजाबाद। रामलीला महोत्सव समिति का चुनाव अयोग्य करार दे दिया गया। दूसरे पक्ष द्वारा हाईकोर्ट में शिकायत करने के बाद यह कदम उठाया गया है। इसी महीने से शहर की प्रसिद्ध रामलीला शुरू होने वाली है लेकिन कमेटी अयोग्य घोषित होने के बाद रामलीला आयोजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। डिप्टी रजिस्टार के आदेश के बाद एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इसी माह शुरू होने वाली रामलीला को कौन कराएगा।
कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से रामलीला का मंचन नहीं हो पा रहा था। इस बार प्रभाव कम होने से रामलीला का मंचन धूमधाम से होने की उम्मीद थी। इसकी तैयारी भी रामलीला कमेटी कर रही थी। कमेटी को लेकर विवाद पिछले कई वर्षों से ही चला आ रहा है। आरपी सिंह यादव वाली कमेटी के हाल में हुए चुनाव में शिक्षाविद् एवं समाजसेवी मयंक भट्नागर को अध्यक्ष चुनने के साथ पूरी कमेटी का चुनाव हुआ था। इस चुनाव के बाद कमेटी द्वारा निकाली जाने वाली दधि यात्रा रोकने को लेकर ही संशय के बादल छाने लगे थे। डिप्टी रजिस्ट्रार चिट एवं फंड सोसाइटीज आगरा की ओर से 31 अगस्त को जारी आदेश में आरपी सिंह यादव की कमेटी को अमान्य बताया गया। इसकी वजह उच्च न्यायालय की दायर याचिका का हवाला दिया गया है। डिप्टी रजिस्टार के आदेश के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इस बार रामलीला का मंचन कौन कराएगा। प्रशासन की ओर से क्या इसके लिए अलग से कमेटी का गठन किया जाएगा। सामान्यतया रामलीला का मंचन 18 सितंबर को गणेश पूजन के साथ शुरू होता है। 19 सितंबर को रामजन्म, बीस को ध्वजारोहण, 21 को अहिल्या उद्धार के साथ 22 सितंबर को भगवान राम की भव्य बारात शोभायात्रा निकाली जाने का प्रावधान है। इधर, रामप्रकाश बघेल का कहना है कि आरपी सिंह यादव वाली कमेटी पंजीकृत नियमावली के विपरीत होने के कारण उसे अस्वीकार कर दिया गया है। उन्होंने रामलीला चयन का कार्यक्रम जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब रामलीला हमारी कमेटी द्वारा कराई जायेगी। श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति के वर्तमान सचिव आरपी सिंह यादव का कहना है कि डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स फंड आगरा ने डिप्टी रजिस्ट्रार ने हाईकोर्ट का हवाला देते हुए समिति को अमान्य घोषित कर दिया है। अब हमने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अब हाईकोर्ट ही तय करेगा कि रामलीला का मंचन कौन कराएगा।

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