फिरोजाबाद। कृषि विज्ञान केंद्र हजरतपुर पर ग्रामीण युवक-युवतियों के लिए फल एवं शाकभाजी प्रसंस्करण पर चार दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया गया। जिसमें फल एवं सब्जियों से विभिन्न उत्पाद बनाने सिखाऐं गये।
केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डा. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि मौसम के अनुसार फल एवं सब्जियों जब सस्ती बिक रही होती है। उस समय इनका विभिन्न उत्पाद बनाकर संरक्षण कर लेना चाहिए। जिससे इन्हें खराब होने से बचाया जा सकता है। जब बाजार में यह मंहगी हो उस समय संरक्षित उत्पादों का प्रयोग कर धन अपव्यय को बचाया जा सकता हे। वरिष्ठ वैज्ञानिक गृह विज्ञान डा. आशा यादव ने फल एं सब्जियों के प्रसंस्करण की महत्ता बताते हुए कहा कि भण्डारण, परिवहन तथा तकनीकी जानकारी के अभाव के कारण देश एवं प्रदेश में 30-35 प्रतिशत फल एवं सब्जियां खराब हो जाती है। अतः इनका मूल्य सम्बंर्धित करके इस तरह हो रहे नुकसान से बचा जा सकता है। साथ ही बताया कि लौकी की चटनी, जैम, नीबू का अचार, टमाटर साॅस, काशीफल का जैम, करोंदा की केन्डी आदि को बनाकर सिखाया जायेगा। कार्यक्रम में केद्र के अध्यक्ष डा. तेज प्रकाश, डा. आशीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. ओमप्रकाश सिंह यादव ने किया।

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