फिरोजाबाद। मानव उत्थान सेवा समिति के सदगुरुदेव सतपाल महाराज की असीम अनुकंपा से जिला कारागार में सत्संग का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जेलर, प्रभारी अधीक्षक आनंद सिंह की मौजूदगी में रखा गया। कार्यक्रम में अनेक तीर्थों से भ्रमण करते हुए संत जन जिला कारागार में पधारे।
मध्य प्रदेश ग्वालियर से साध्वी अंबालिका बाई ने सत्संग में समझाते हुए कहा बुद्धि यस मुक्ति और भला किसी का भी हुआ है तो वह सत्संग के प्रताप से हुआ है। अगर वह सत्संग हम अपने जीवन में बसा ले तो हम बुरे कर्मों से अपने आप को बचा सकते हैं। यह जीवन उन्नति के लिए मिला इसे कोई व्यर्थ ना खोकर वह भगवान की याद में भगवान के ध्यान में जरूर लगाएं। माता पिता का भी धर्म है कि अपने बच्चों को अध्यात्म का रास्ता जरूर पकड़ाए। जिससे बच्चे संस्कारी बने, समाजसेवक बने, देश रक्षक बने और माता-पिता कुटुंब सबका नाम रोशन करने बाले बने। थोड़ा सा प्रयास अगर माता-पिता अपने बच्चों के लिए करें तो बच्चे बहुत उन्नति कर सकते हैं और यह प्रयास बचपन से होना चाहिए। जब माता-पिता के आदेश में बच्चे बने रहते हैं उस दिन से माता-पिता को इस चीज का ख्याल रखना चाहिए कि बड़े होने पर बच्चों में दूसरों का संस्कार आ जाता है, माता-पिता का नहीं आप आता। इसलिए हम सभी लोगों को अपने बच्चों को संस्कार देने के लिए संतों की संगत देनी चाहिए। गुरुजनों का सम्मान देना चाहिए और जीवन के उत्थान के लिए संतो से रास्ता पूछना चाहिए। साध्वी ने जेल प्रभारी अधीक्षक को भी बहुत बधाई दी। ऐसे लोग ही इस समाज में अपना नाम अपने देश का नाम रोशन करते हैं। इस कार्यक्रम में हंस सत्संग प्रभारी महात्मा सुधा बाई एवं मानव उत्थान सेवा समिति के कार्यकर्ता मौजूद रहे।