फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उमेश चंद्र चंद यादव ने स्ववित्तपोषित विद्यालयों के प्रधानाचार्य को केंद्र व्यवस्थापक पद से हटाने पर आक्रोश व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा है कि यह पूरे शिक्षक समाज पर अपमानित करने का षड्यंत्र है। स्ववित्त पोषित अध्यापक एवं प्रधानाचार्य पूरे वर्ष पूरी लगन और निष्ठा के साथ जिस विद्यालय में कार्य करते हैं और परीक्षा के समय पर उनको अक्षम बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह स्ववित्तपोषित अध्यापकों के साथ ही नहीं बल्कि पूरे शिक्षक समाज के गाल पर तमाचा है। आज प्रदेश का दो तिहाई भाग स्ववित्तपोषित संस्थाओं पर निर्भर करता है। परीक्षा के समय प्रधानाचार्य को अक्षम बताना सरकार का यह कदम उचित नहीं है। सरकार को इस पर चिंतन और मनन करना चाहिए और इन शिक्षकों को सम्मान के साथ न्याय मिलना चाहिए। संगठन ऐसे निर्णय का विरोध करता है और सरकार से मांग करता है कि वित्तविहीन शिक्षकों को भी सम्मान के साथ कार्य करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

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