पढ़े लिखे मूर्खों से अनपढ़ समझदार लाख गुना बेहतर हैं।
.. ओमवती जी की समझदारी को मेरा प्रणाम .!!!
.. श्रीमती ओमवती सुबह खेत पर काम करने जा रही थीं..!! रेलवे ट्रैक पार करते समय अचानक टूटी पटरी पर नजर पड़ गई। ट्रेन आने वाली थी, इन्होंने समझदारी दिखाते हुए अपनी लाल रंग की साड़ी को लकड़ियों की मदद से ट्रैक पर खड़ा कर दिया। ट्रेन रोकी गई, पटरी ठीक हुई तब 30 मिनट बाद ट्रेन रवाना हुई..!!
ये घटना एटा के अबागढ़ ब्लॉक के गुलरिया गांव के समीप की है। पैसेंजर ट्रेन एटा से टूण्डला जा रही थी..!! इस गरीब मजदूर महिला श्रीमती ओमवती जी ने एक बहुत बडा हादसा होने से बचा लिया, ना जाने ..जानमाल का कितना नुकसान हुआ होता .???माताजी को उनकी सूझबूझ के लिए प्रणाम है
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