फिरोजाबाद। वैज्ञानिक संत आचार्य निर्भय सागर महाराज ससंघ गुरूवार को प्रातः सात बजे चंदाप्रभु मंदिर से नसियाजी दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे। वहां जैन समाज के श्रवको एवं मंदिर कमेटी के सदस्यों ने आचार्यश्री के चरणों का जलाभिषेक किया। आरती की एवं श्रीफल सहित अर्थ समर्पित किया। ब्रह्मचारी मनीष भैया ने अभिषेक शान्तिधारा एवं पूजन की क्रिया संपन्न कराई। पाठशाला के शिक्षकों एवं संचालकों ने श्रीफल समर्पित किया।
आचार्य श्री ने कहा कि जहां जीवन में सरलता, समता और सहजता है। वहां मानवता जीवित है। करुणा, दया, सहजता सरलता यही मानव जीवन के मूलभूत तत्व है। अध्यात्म के अभाव में मानव जीवन का मूल्य घट रहा है और भौतिक पदार्थों का मूल्य बढ़ रहा है। मानव जीवन का मूल्य गुणवान बनने से बढ़ता है। मद्यपान आदि व्यसन करने से मानव जीवन का मूल्य घट जाता है। आज का इंसान भौतिक वस्तुओं के मूल्य को तो आंक रहा है लेकिन अपने मानव जीवन के मूल्यों को नहीं आंक रहा है। इस वसुंधरा पर मानव एक सर्वोच्च प्राणी है। मानव नेतृत्व गुण से सहित होना चाहिए मानव पुरुषार्थशील होना चाहिए। मानव का मूल्य तब तक है जब तक वह समाज से जुड़ा हुआ है और गुणों से युक्त है।