यूक्रेन के खारकीव मैं फसी मेडिकल की छात्रा मानवी गुप्ता पहुंची अपने घर,कहा यूक्रेन में इंडियन छात्रों के साथ की जा रही है मारपीट पहले यूक्रेन के लोगों को निकाल रहे हैं और इंडियन छात्रों को वह मार मार कर वहां से निकाल रहे हैं मोदी सरकार का दिया धन्यवाद,
सही सलामत आयी वापिस।
रूस ने यूक्रेन के खारकीव में काफी बमबारी की और हमले किये है जिससे वहां फसें लोग और इंडियन छात्र छात्राएं काफी भयभीत थे,वही खारकीव में फंसी फिरोजाबाद की मेडिकल की छात्रा मानवी गुप्ता जब अपने घर फिरोजाबाद पहुंची तो घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा उनके परिवार वाले बहुत खुश थे उन्हें माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया,लेकिन अहम बात यह देखी गई कि वहां फसी मानवी गुप्ता जब फ़िरोज़ाबाद आई तो उन्होंने आप बीती बताई कि किस तरह यूक्रेन के सैनिकों ने उनके साथ अभद्रता की,उनका आरोप है कि यूक्रेन के सैनिकों ने उनके साथ मारपीट की पहले वह यूक्रेन के लोगों को वहां से निकाल रहे थे,बाद में मार मार के इंडियन छात्रों को निकाला, मैं मोदी जी का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं इंडियन एंबेसी का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं जिन्होंने हमारी बहुत मदद की,और मेरा इंडियन एंबेसी से कहना है कि जितने भी वहां छात्र छात्रा फसे है उन्हें वहां से निकाला जाए क्योंकि वहां पर काफी धमाके हो रहे हैं बार-बार बम गिर रहे हैं।
मानवी गुप्ता मेडिकल की छात्रा ने फिरोजाबाद पहुंचकर बतया की सबसे पहले में मोदी जी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी और इंडियन एंबेसी का जिसने वहां से हमें निकाला है, जर्नी काफी मुश्किल रही है मेरे लिए और सभी बच्चों के लिए और उनके लिए भी जो वहां पर फंसे हुए हैं,मैं यही बोलूंगी इंडियन एंबेसी को कि जो वहां बच्चे फंसे हुए उन्हें भी जल्दी से जल्दी निकाला जाए,
क्योंकि वहां पर बहुत दिक्कत फेस कर रहे हैं इंडियन छात्र-छात्राएं क्योंकि वह बार-बार वहां बम फट रहे हैं वहां सारी बिल्डिंग उड़ गई हैं जो एयरलाइंस वह भी उड़ गई है,मैं खारकीव में फंसी हुई थी वहां यूक्रेन के सैनिकों ने इंडियन छात्र छात्राओं के साथ मारपीट कि,और पहले वह यूक्रेन के लोगों को निकाल रहे थे,इंडियन छात्र-छात्राओं के को मार मार के निकाल रहे थे, हमने वहां पर अपने फ्लैट पर इंडिया का झंडा लगा रखा था वह बोल रहे थे कि पहले इसको हटाओ फिर हम जाने देंगे नही तो तुम्हे मारेंगे,मैं शुक्रिया अदा रोमानिया के लोगो करना चाहूंगी जिन्होंने हमारी बहुत मदद की थी।