लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चार चरण का चुनाव खत्म हो चुका है और अब बारी पांचवें चरण की है।यूपी के सात चरणों के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें इसी चरण में है। पांचवा चरण बाकी के चरणों से अलग है क्योंकि इस चरण में अवध और पूर्वांचल के ज्यादातर जिले शामिल हैं। सूबे के बदले हुए सियासी समीकरणों में बीजेपी के सामने पिछली बार की तरह नतीजे दोहराना आसान नहीं दिख रहा है तो सपा गठबंधन के लिए भी चुनौतियां कम नहीं है।
पांचवें चरण के 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होनी है, जहां पर 692 उम्मीदवार किस्मत आजमाने उतरे हैं। पांचवें चरण में भगवान श्रीराम के अयोध्या से लेकर प्रयागराज और चित्रकूट जैसे धार्मिक नगरी में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी संग्राम होने हैं। बीजेपी के लिए अपने गढ़ को बचाए रखने की चुनौती है तो सपा, बसपा और कांग्रेस सत्ता की वापसी दारोमदार इसी चरण में टिका है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के सामने अमेठी-रायबरेली में है।
पांचवें चरण की जिन 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव पर चुनाव हो रहे हैं, 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी और अपना दल गठबंधन का कब्जा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थी जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी। वहीं, सपा के खाते में महज 5 सीटें मिली थी। इसके अलावा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी और दो सीटों पर निर्दलीय ने जीती थी। बसपा इस चरण में खाता भी नहीं खोल सकी थी।
योगी सरकार के 6 मंत्री
यूपी के इस चरण के चुनाव में योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों की किस्मत दांव पर है । उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट से उतरे हैं। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहबाद पश्चिम से प्रत्याशी हैं तो नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर सुरक्षित सीट से और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं। योगी सरकार के मंत्री रहे मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में हैं।
राजा भैया की अग्निपरीक्षा होगी
प्रतापगढ़ की सियासत के बेताज बादशाह कहे जाने वाले कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे हैं। राजा भैया के खिलाफ डेढ़ दशक के बाद सपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है।कुंडा सीट पर सपा से गुलशन यादव चुनावी मैदान हैं।
सपा-कांग्रेस के दिग्गज ठोंक रहे ताल
पांचवें चरण में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर और बहन पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनावी मैदान में उतरी है। मां और बहन दोनों ही सपा गठबंधन से चुनाव लड़ रही हैं जबकि अनुप्रिया पटेल बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है। अयोध्या सीट पर सपा के दिग्गज नेता तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय की किस्मत दांव पर लगी है तो रामपुर खास सीट पर कांग्रेस से आराधना मिश्रा हैं, जो प्रमोद तिवारी की बेटी हैं और दो बार से विधायक हैं।
पांचवें चरण में 61 सीटों पर विभिन्न दलों के 48 मौजूदा विधायक मैदान में फिर से हैं जबकि बाकी 13 सीट पर टिकट काट दिए गए हैं। ऐसे में वो खुद के बजाए दूसरों के लिए प्रचार में लगाए गए हैं। वहीं, कई दलबदलू नेता भी चुनावी मैदान में उतरे हैं।मौजूदा स्मीकरण जो भी हों लेकिन ये तो 10 मार्च को ही पता चलेगा की जनता ने आखिर किसे चुना है।