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फिरोजाबाद। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में बच्चों की सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। इस मौसम में बच्चों को निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और उन्हें सुरक्षित रखें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि सर्दी में बच्चे को सर्दी-खांसी व बुखार की समस्या है तो इसमें लापरवाही न बरतें। यह निमोनिया के भी लक्षण हो सकते हैं। अगर इसका समय रहते सही तरह से इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। इसके कई दुष्परिणाम हो सकते हैं। निमोनिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं और कुछ आसान उपायों के जरिए इससे खुद का बचाव कर सकते हैं।
सीएमओ ने बताया कि बच्चों में तेज सांस लेना, घरघराहट आदि भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं, निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल आदि होते हैं. उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कपकपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियो में दर्द भी निमोनिया के लक्षण है। पांच साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है और भी सुस्त हो जाते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं अवश्य पिलाना चाहिए। डीसीपीएम रवि कुमार ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमणकाल में निमोनिया ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए कोरोना से बचाव के नियमों का भी पालन करें। हाथों को नियमित रूप से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।

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