बलिया: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा सरकार की ऐसी योजना है जो गरीब परिवार को दो वक्त की रोटी दिलाने की योजना है। यह योजना किसी भ्रष्टाचारी के हाथों लग जाए तो क्या होगा जरा सोचिए। उस वक्त रोजगार की गारंटी हो न हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूरी गारंटी मिल जाती है। ऐसी ही मामला फेफना थाना क्षेत्र के सिंहपुर गांव का आया है, जहां ग्राम प्रधान बेबी मौर्या अपने शातिर दिमाग से मनरेगा का पैसा अपने परिवार यानी सुसरालियों के जेब में भर रही है। बिना कार्य स्थल पर कार्य किये उन लोगों के खातों में राशि भेजने की पूरी तैयारी कर चुकी है.
दुल्हनों पर भी मेहरबान बेबी मौर्या प्रधान
कुछ नाम तो मनरेगा सूची में ऐसे भी शामिल है जो गांव की नई नवेली दुल्हन है। तो दूसरी तरफ ऐसे व्यक्ति का नाम मनरेगा सूची में है जो प्रदेश में प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है तो कुछ एसे स्टूडेंट भी है जो इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। रोचक तथ्य ये भी है कि कुछ तो 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी घर बैठे मनरेगा में बिना काम किये पैसा उठा रहे हैं। यह फर्जीवाड़ा गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोगों का कहना ये भी है कि वादा नहीं विकास करुंगी कहने वाली प्रधान बेबी मौर्या विकास नहीं विनाश करने पर तुली हुई है। ऐसे लोग को मनरेगा में काम करने के पात्र है वो इस सुविधा से वंचित है।
गरीबों की थाली में मलाई खा रहे दबंग
प्रधान बेबी मौर्या के द्वारा दिए गए मनरेगा सूची में प्रधान के नजदीकी भी शामिल है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान बेबी मौर्या के परिवार से ही लगभग दर्जनों लोग फर्जी मजदूर बनकर मनरेगा से घर बैठे पैसा निकाल रहे है।
पदाधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है खेल
गांव के लोगों को कहना है कि ये चौकाने वाला ही मामला है कि मजदूरों द्वारा काम किये बगैर पदाधिकारियों की मिलीभगत से मजदूरों के जॉब कार्ड से राशि की निकासी की जा रही है। तमाम तरह की निगरानी के बाद भी मनरेगा में धांधली जारी है।
9 महीने में पार की भ्रष्टाचार की सारे हदें
बेबी मौर्या 9 महिने से प्रधान है,लेकिन भ्रष्टाचार की सारे हदें उन्होंने पार कर दी है। बेबी मौर्या ने कोटेदार को घर बुलाकर पीटा, ट्यूबेल तोड़फोड़, अवैध सड़क निर्माण, पैसा लेकर आवास पास कराने, उनकी सत्ता में कमी दिखाने पर पिटाई, धमकी, धर्मिक स्थल के नाम पर दबंगई दिखाने, सार्वजिनक जगह पर खेती सब्जी उगाने जैसे कई मामले सामने आए है।