फिरोजाबाद। साहित्यिक संस्था मनीषा के अध्यक्ष प्रमोद बाबू के तत्वाधान में रविवार को कवियों के द्वार मुक्त विद्या के सुप्रसिद्व कवि दिनेश चंद्र दिनकर के निवास पर पहंुच कर उनका काव्य पाठ कर सम्मान किया। इस दौरान कवि डा. सुरेश ने उनके सम्मान में पढा, जो खुद जलकर जो ओरों को आलोक दिया करते है, जो हॅंस कर अभ्र्वद्वन्दों का गरल पिया करते है, ऐसे साधक माॅं वाणी के युगों तक जिया करते है। कवि पूरन चंद्र गुप्ता ने पढ़ा चेहरे पर चेहरा लागा है। यह आज कल किसके दिल में हुआ क्या है। वही दिनेश दिनकर ने पढा कि बुढिया कह कर मत करो अपेक्षित, घर की शोभा होती है मां। इस दौरान अखलेश सक्सेना, पदमेश श्रीवास्तव, प्रमोद बावू, विजय श्रीवास्तव, रामसेनही लाल यायावर, शीलमणी शर्मा, मौजूद रहे।
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