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UP Assembly Election 2022: यूपी के जनता की सेहत ठीक करने के बहाने राजनैतिक पार्टियाँ अपनी सेहत बनाने में जुट गई हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) यूपी पहुँचते उससे पहले ही प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने एजेंडा सेट कर दिया. उन्होंने एलान कर दिया कि कांग्रेस की सरकार बनी तो 10 लाख रूपये तक का इलाज फ्री होगा. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस पार्टी इसे अपने घोषणापत्र में भी लाएगी. अब तक मोदी सरकार 5 लाख रूपये तक के मुफ्त सरकारी इलाज की योजना चला रही है. जिसे आयुष्मान भारत योजना (Ayushman bharat scheme)  कहते हैं. मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू की है. जिसमें देश के शहरी और देहात के इलाक़ों में लैब से लेकर अस्पताल बनाने पर काम होगा।

वहीं दूसरी तरफ सिद्धार्थनगर से यूपी के 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने सीधे सीधे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को निशाने पर लिया, हालांकि उन्होंने अखिलेश का नाम नहीं लिया. प्रधानमंत्री ने कहा पहले यहॉं भ्रष्टाचार की साइकिल चलती थी. ये जो अस्पताल बनाते थे, उसमें बिल्डिंग होती थी तो दवा नहीं, दवा होती थी तो डॉक्टर नहीं. पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों  में सिर्फ परिवारवादियों का भला हुआ।

जब पीएम नरेन्द्र मोदी सिद्धार्थनगर से वाराणसी की उड़ान पर थे. लखनऊ में अखिलेश यादव ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. मोदी के भ्रष्टाचार की साइकिल के जवाब में अखिलेश ने कहा जिस समय लोगों को दवा, इलाज और ऑक्सीजन की ज़रूरत थी, उस समय यूपी सरकार ने लोगों को अनाथ छोड़ दिया था. अखिलेश यादव ने कहा कि उनके समय जो मेडिकल क़ॉलेज बने थे, उन्हें बजट ही नहीं मिल रहा है. अखिलेश के आरोपों का जवाब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अखिलेश जी जितना खर्च सैफई महोत्सव और अपनी विदेश यात्रा में करते थे, उतने बजट में मोदी और योगी सरकार में यूपी के 9 मेडिकल कॉलेज दे दिए।

यूपी के कई इलाकों को अब भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं मिल पाई हैं. रायबरेली और गोरखपुर में एम्स तो बन गया है लेकिन अभी पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है. अब जब चुनाव क़रीब है तो सभी पार्टियाँ ये बताने और समझाने में जुटी है कि जनता की चिंता तो बस उन्हें ही है. ये भी सच है कि कोरोना की मार झेल चुके लोग स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अब पहले से जागरूक हो गए हैं. इसीलिए सबको लग रहा है कि इस बार के यूपी चुनाव में ये भी एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।

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