महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए दिशा-निर्देश के मुताबिक कोरोना महामारी में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी। 18 वर्ष की आयु तक उनकी शिक्षा नि:शुल्क होगी। साथ ही इन बच्चों को 18 वर्ष की आयु से मासिक वृत्ति और 23 वर्ष की आयु होने पर 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी।
क्या है इस योजना का मकसद
उल्लेखनीय है कि 29 मई, 2021 को पीएम मोदी ने ऐसे बच्चों के लिए व्यापक सहायता की घोषणा की थी, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की निरंतर तरीके से व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड महामारी में खो दिया है। साथ ही इसका उद्देश्य उन बच्चों को स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके कल्याण में मदद करना, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना तथा 23 वर्ष की आयु होने पर वित्तीय सहायता के साथ उन्हें एक आत्मनिर्भर अस्तित्व के लिए तैयार करना है।
31 दिसंबर तक कराया जा सकता है पंजीकरण
बच्चों का नामांकन 29 मई 2021 से शुरू है और 31 दिसम्बर 2021 तक पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है। इस योजना के उस वर्ष तक प्रभाव में रहने की उम्मीद है, जब प्रत्येक चिन्हित लाभार्थी 23 वर्ष की आयु का हो जाएगा।
क्या हैं पात्रता-मानदंड
योजना के लिए पात्रता मानदंड में उन सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने i) माता-पिता दोनों या ii) माता-पिता में से एकमात्र बचे ने किसी एक को या iii) कानूनी अभिभावक/गोद लेने वाले माता-पिता/गोद लेने वाले माता या पिता को खो दिया है। इनमें वे बच्चे योजना का लाभ हासिल करने के पात्र होंगे, जिन्होंने 11 मार्च .2020 से 31 दिसम्बर 2021 के बीच महामारी की वजह से अपने माता-पिता को खोया है। 11 मार्च 2020 की तारीख इस वजह से मान्य है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसी दिन से कोविड-19 को एक महामारी घोषित किया था।