फिरोजाबाद।जिला विज्ञान क्लब द्वारा महान खगोल वैज्ञानिक मेघनाद साहा की जयंती पर जिला समन्वयक अश्वनी कुमार जैन ने कार्यालय पर उन्हें नमन करते हुए उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि मेघनाद साहा भारत के एक महान खगोल विज्ञानी थे। खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उनका अविस्मरणीय योगदान है। उनका जन्म 06 अक्टूबर 1893 को ढाका से लगभग 45 किलोमीटर दूर शाओराटोली ग्राम में एक गरीब परिवार में हुआ था। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें आगे बढ़ने के लिए अत्यंत संघर्ष करना पड़ा। साहा द्वारा प्रतिपादित तापीय आयनीकरण के सिद्धांत को खगोल विज्ञान में तारकीय वायुमंडल के जन्म और उसके रासायनिक संगठन की जानकारी का आधार माना जा सकता है। खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उनके अनुसंधानों का प्रभाव दूरगामी रहा और बाद में किए गए कई शोध उनके सिद्धांत पर ही आधारित थे। साहा समीकरण ने समस्त विश्व का ध्यान आकर्षित किया और यह समीकरण तारकीय वायुमंडल के विस्तृत अध्ययन का आधार बना। भारतीय कैलेंडर के क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने साइंस एण्ड कल्चर नामक जर्नल की स्थापना की और अंतिम समय तक इसके संपादक रहे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक समितियों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिनमें नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस, इंडियन फिजिकल सोसायटी और इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस प्रमुख हैं। सन 1947 में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स की स्थापना की जो बाद में उनके नाम पर साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स हो गया।

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