फिरोजाबाद/01 अक्टूबर/
किसानों को आलू का उच्चतम भाव दिलाने के लिए डीएम लगातार है प्रयासरत, कोल्ड स्टोर स्वामियों के साथ बैठक कर दिए आवष्यक निर्देष।
षीतगृह स्वामी किसानो को जल्द आलू निकासी के लिए करें प्रेरित।
जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलैक्ट्रेट सभागार में जनपद के निजी शीतगृह से आलू की निकासी को बढाने के लिए शीतगृह स्वामियों, आलू उत्पादकों, एवं आलू कृषकों के साथ बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान उन्होने आलू भण्डारण की निकासी की अवधि 31 अक्टूबर, 2021 तक की समय सीमा निर्धारित करते हुए उन्होने कोल्ड स्टोर स्वामियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने किसानों के साथ बैठक कर उनको निर्धारित अवधि में आलू निकासी के लिए प्रेरित करें। उन्होने सभी शीतगृह स्वामियों को यह भी कड़े निर्देश दिए कि वह 31 अक्टूबर के बाद आलू का भण्डारण रखेंगे तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी, नियमानुसार भण्डारित किये गये आलू का केवल भण्डारण शुल्क ही लेगें और किसान को आलू बाहरी मण्डियों में ले जाकर बेचने के लिए प्रेरित करेंगे।
बैठक के दौरान जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष- 2019-20 की अपेक्षा इस वर्ष जनपद में अधिक आलू उत्पादन हुआ है। इस वर्ष आलू का क्षेत्रफल 55200 हैक्टेयर बोया गया था, जिसके सापेक्ष उत्पादन 16 लाख मी0टन हुआ था, जिसमें से 13.33 मी0टन आलू निजी शीतगृहों में भण्डारित किया गया। इस वर्ष आलू की मूल्य कम होने के कारण किसानों के द्वारा शीतगृहों से आलू की निकासी बहुत धीमी गति से की जा रही है। जनपद में वर्तमान तक आलू की निकासी कुल भण्डारित आलू का 45 प्रतिशत तक हुई है। जिस पर शासन द्वारा निरन्तर आलू की निकासी बढ़ाने के निर्देश दिये जा रहे है।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि शीतगृहों में आलू भण्डारित करते समय आलू पर किसान कोल्डस्टोरेज स्वामियों से कर्ज लेता है और किसान आलू का मूल्य कम होने पर नहीं बेचता है। किसान बाद में यह देखता है कि आलू का उत्पादन लागत व कोल्डस्वामी का कर्ज देने के बाद आलू के वर्तमान में चल रहे विक्रय मूल्य पर बेचने के उपरान्त कुछ बच रहा है अथवा नहीं। यदि नही ंतो किसान आलू नहीं बेचेगा और न ही शीतगृह स्वामी को बेचने के लिए सहमति देगा। यदि शीतगृह स्वामी बेचेंगे तो वह शिकायत कर देगा। इस पर जिलाधिकारी के द्वारा सभी शीतगृह स्वामियों से किसानों को कर्ज न देने की अपील की गयी।
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि आलू बाहरी क्षेत्रों से मण्डियों में आ रहा है। और यदि तेजी से आलू निकासी नहीं हुई तो आलू और सस्ता हो जायेगा। जबकि आलू भण्डारण की अवधि समय 31 अक्टूबर, 2021 को पूर्ण होने में मात्र 01 माह ही शेष हैं। सभी षीतगृह स्वामी अधिक से अधिक भण्डारणकर्ताओं को प्रेरित कर निकासी को बढ़ायें, एवं सभी कोल्ड स्वामी अपने अपने कोल्ड में भण्डारित आलू कृषकों को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस जारी करें कि वह 31 अक्टूबर तक अपने भण्डारित आलू कोल्ड से निकाल ले, 31 अक्टूबर के बाद कोल्डस्टोरेज संचालित नही किये जायेगें, यदि कृषकों द्वारा 31 अक्टूबर तक भण्डारित आलू की निकासी नही की जाती है तो कोल्ड स्वामी की कोई जुम्मेदारी नही होगी। जिन बड़े आलू उत्पादक किसानों के द्वारा आलू भण्डारित कर षीतगृह से ऋण लिया गया है उनको आलू की निकासी करने के लिए षीतगृह पर बुलाकर बैठक करें और उन्हें आलू निकालने के लिए प्रेरित करें, तथा अगले वर्ष से या तो अग्रिम भुगतान न करें या कम से कम करें। जिला उद्यान अधिकारी ने अवगत कराया कि किसानों के आलू पूर्वाेत्तर क्षेत्रों में ले जाने हेतु रेलवे विभाग द्वारा आगरा से गुवाहाटी तक साप्ताहिक रेल की सुविधा प्रदान की गयी है, जिसका भाड़ा 421 रू प्रति कुन्तल है तथा उस पर 50 प्रतिषत भाड़ा अनुदान है।