उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है। वोटरों को रिझाने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कुछ दिनों बाद यहां विभिन्न पार्टी के नेताओं की सभाएं शुरू होंगी लेकिन यूपी के इस फिरोजाबाद जिले की राजनीति माता सीयर देवी के बिना अधूरी है या यूं कहें कि इस माता के मंदिर में मत्था टेके बिना जीत संभव नहीं है। चुनाव आते ही इस मंदिर पर सिर झुकाने वाले विभिन्न पार्टी के नेताओं की लाइन लग जाती है। इस देवी को निषाद समाज की कुलदेवी के रूप में भी पूजा जाता है।

राजबब्बर ने जीता था चुनाव

फिरोजाबाद में वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प हुआ था, जिसमें सपा मुखिया अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिंपल यादव उपचुनाव लड़ी थीं। जबकि कांग्रेस ने राजबब्बर को प्रत्याशी घोषित किया था। इससे पहले अखिलेश यादव ने कन्नौज जीतने पर यहां की सीट को छोड़ दिया था। उसी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल यादव को चुनाव लड़ाया था और क्षेत्र की जनता ने उन्हें हरा दिया था। इसके पीछे खादरों में बसी माता सीयर देवी माता का चमत्कार भी बताया जा रहा है। चुनाव लड़ने से पहले राजबब्बर ने इस माता के मंदिर पर मत्था टेका था और विजय के लिए आशीर्वाद लिया था। चुनाव जीतने के बाद राजबब्बर ने इस देवी के मंदिर पर चबूतरे और रेलिंग का निर्माण कराया था।

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