फिरोजाबाद। महाव्रत अनन्त चतुर्दशी का पर्व नगर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिन भक्तों ने प्रातः श्रीजी के दर्शन कर व्रत रखा। शांति सौहार्द के लिए भगवान से प्रार्थना की।
सुहागनगरी आज प्रातः काल से ही श्रीजी के जयकारों से गुंजायमान हो रही थी। जगह-जगह जिनभक्तों की टोलियाँ पैदल जिन वंदना के लिए चली जा रही थीं। माताओं और पुरुषों ने अनन्त चतुर्दशी का व्रत रख अधिक से अधिक वस्तुओं का आज के लिए त्याग किया। आज पर्युषण पर्व का दसवां दिन ब्रह्मचर्य का दिन है। नगर के जिन मंदिरों में ब्रह्म चर्य धर्म की पूजा अर्चना की गई। श्रीमहावीर जिनालय में चातुर्मास रत मुनिश्री सुरत्न सागर ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘आत्मा ही ब्रह्म है। उस ब्रह्मस्वरूप आत्मा में चर्या करना सो ब्रह्मचर्य है अथवा गुरु के संघ में रहना भी ब्रह्मचर्य है। इस विध चर्या को करने वाला उत्तम ब्रह्मचारी कहलाता है। जिस प्रकार से एक अंक को रखे बिना असंख्य बिन्दु भी रखते जाइये, किन्तु क्या कुछ संख्या बन सकती हैं, उसी प्रकार से एक ब्रह्मचर्य के बिना अन्य व्रतों का फल कैसे मिल सकता है अर्थात् नहीं मिल सकता। वहीं अतिशय क्षेत्र राजा के ताल में श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अंत चैदह के दिन सामुहिक पूजा और वासपुजय निर्माण लड्डू चढ़ाया गया। इस दौरान अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, कल्लू जैन, पिंकी जैन, देवेन्द्र जैन, विमल जैन, सुभाष जैन एडवोकेट आदि भक्तगण मौजूद रहे।