लखनऊ: रेलवे प्रशासन उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्टेशनों से किसान एक्सप्रेस पार्सल ट्रेन के संचालन की तैयारी कर रहा है। किसान पार्सल ट्रेन के संचालन से प्रदेश के कृषकों को अब बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। किसान अपने उत्पादों को देश की बड़ी मंडियों में उचित मूल्य पर बेच सकेंगे।

रेलवे प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख स्टेशनों से किसान एक्सप्रेस पार्सल ट्रेन चलाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर से किसान एक्सप्रेस पार्सल ट्रेन संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे प्रदेश के कृषकों को अब और बड़ा बाजार उपलब्ध होगा। किसान अपने उत्पादों को देश की बड़ी मंडियों में उचित मूल्य पर बेच सकेंगे।

किसान एक्सप्रेस यात्री ट्रेनों की तरह निर्धारित समय सारिणी और ठहराव के आधार पर चलाई जाएंगी। इससे किसानों के खाद्य उत्पाद और सब्जियां निर्धारित समय पर गंतव्य तक पहुंच सकेंगी। ठहराव वाले स्टेशनों पर किसान अपने उत्पादों को लाद और उतार सकेंगे। किसान एक्सप्रेस की वापसी में भी मनचाहा उत्पाद मंगाया जा सकेगा।

किसानों को अपने उत्पाद को भेजने के लिए मालगाड़ी की तरह अब पूरी रैक बुक करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कम वजन होने पर भी उत्पाद बुक हो जाएंगे। इतना ही नहीं माल गाड़ियों की अपेक्षा किसान एक्सप्रेस पार्सल ट्रेन के किराए में भी 50 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। यह रियायत रेलवे प्रशासन के सहयोग से केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय उपलब्ध कराएगा। फिलहाल पहले चरण में फर्रुखाबाद से पहली किसान एक्सप्रेस पार्सल ट्रेन आलू लेकर असम भेजी जा चुकी है। इससे रेलवे को 5.64 लाख रुपए की आमदनी हुई है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 5.05 लाख रुपए की छूट दी है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार ने शनिवार को बताया कि किसान एक्सप्रेस के संचालन से प्रदेश के किसानों को अपने उत्पाद को उचित मूल्य पर बेचने के लिए और बड़ा बाजार मिलेगा।

उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट के प्रयास से कृषक उत्पाद संगठनों का रुझान अब किसान एक्सप्रेस पार्सल ट्रेन की तरफ बढ़ने लगा है। इससे आने वाले दिनों में रेलवे की आय और बढ़ेगी।

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