लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने ढाई लाख से ज्यादा गांवों और बस्तियों को शुद्ध पेयजल की सौगात दी है। पीने के पानी के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे इन गांवों को अब अपने घर के पास ही पीने का साफ पानी मिल रहा है।

नमामि गंगे ग्रामीण पेयजल आपूर्ति विभाग ने साढ़े चार साल में प्रदेश भर में 28,95,361 हैण्डपम्प स्थापित कर 2,59,739 ग्रामीण बस्तियों में पेय जल की समस्या को खत्म कर दिया है। इन इलाकों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराया जा रहा है। पीने का शुद्ध पानी मिलने से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है। बीमारियों के कम होने के साथ-साथ लोग स्वस्थ हुए हैं।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का दावा है कि सरकार की योजना लाखों ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है। चार साल पहले तक बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करने वाले ग्रामीणों के घर के पास ही सरकार पानी उपलब्ध करा रही है। नमामि गंगे ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने अभियान के तहत गांव-गांव रिकार्ड हैण्डपंपों की स्थापना कर शुद्ध पेयजल के सपने को साकार किया है। प्रदेश के इन गांवों में बस्तियों की संख्या 2,59,739 है। इन सभी बस्तियों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर के हिसाब से हैण्डपम्प, पाइप योजना से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि पानी की न्यूनतम आवश्यकता को देखते हुए योजना के तहत प्रदेश की जनता को बड़ा लाभ दिया गया है। प्रत्येक हैण्डपम्प से 10,000 लीटर प्रतिदिन उपलब्धता मानते हुये प्रति 250 पर एक इण्डिया मार्क-।। हैण्डपम्प अथवा 40 एलपीईडी (लीटर्स पर कैपिटा पर डे) के आधार पर पाइप पेयजल सप्लाई कर सामुदायिक रूप से प्रति 250 की जनसंख्या पर एक जल स्तम्भ (पब्लिक स्टैंड पोस्ट) का मानक निर्धारित किया गया।

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