हमीरपुर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) किसान आंदोलन को देशव्यापी धार देने के लिए रविवार को बुंदेलखंड (Bundelkhand) पहुंचे. यहां उन्होंने बांदा, हमीरपुर और महोबा में किसान महापंचायतों (Kisan Mahapanchayat) में शामिल होकर सरकार के खिलाफ जमकर आग उगली. उन्होंने किसानों से नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पूरी ताकत से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि यह आंदोलन 33 महीने और चलेगा. पत्रकारों से बात करते हुए टिकैत ने पिछले दिनों दिए धर्मिक नारे पर कहा कि उनके नारों में कोई विवाद नहीं है. बीजेपी जय श्री राम बोलती है और हम राम-राम कहते हैं. देश के संविधान ने हमें नारा लगाने का अधिकार दिया है.

हमीरपुर में किसान महापंचायत में शामिल होकर टिकैत ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले कृषि बिल के विरोध में किसानों का लगातार संघर्ष जारी रहेगा.

हमीरपुर जिले के मौदहा गल्ला मंडी में राकेश टिकैत के पहुंचने पर उन्हें तलवार भेंट कर स्वागत किया गया. टिकैत ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि बीजेपी की सरकार किसान विरोधी कानून बना रही है. उन्होंने कृषि कानूनों पर कहा कि किसान आंदोलन चल रहा, यह अभी 33 महीने तक और चलेगा. जब तक सरकार कृषि कानून को वापस नहीं लेगी यह चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की अन्ना प्रथा, सूखा, कर्ज माफी के साथ खनिज संपदा में लिए जाने वाले कर का लाभ बुंदेलखंड के निवासियों को मिलना चाहिए. टिकैत ने कहा कि तीनों किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई लगतार जारी रहेगी, जिसमें किसानों को कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहना होगा.

बीकेयू के नेता ने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों और नवजवानों की स्थिति पूरे देश में सबसे खराब है. उन्होंने कहा कि यहां किसानों की फसलों की MSP में खरीद नहीं होती. बड़े व्यापारी किसानों से सस्ते में आनाज खरीदते हैं और उसे MSP पर ऊंची कीमतों पर बेचते हैं.

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