लखनऊ: साढ़े चार साल पहले उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने सीएम पद संभालते ही प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने का वादा किया था। उसके बाद प्रदेश में धड़ाधड़ एनकाउंटर की खबरें सामनेआईं। इस वजह से अपराधियों के अंदर यूपी पुलिस का खौफ अभी भी बरकरार है। प्रदेश में पुलिस के डर से बड़े-बड़े अपराधी और माफिया प्रदेश छोड़ कर या तो भाग गए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी के लोक कल्याण पत्र-2017 में गुंडाराज को जड़ से खत्म करने का वादा किया गया था। मुख्यमंत्री योगी ने न सिर्फ भाजपा के संकल्प पत्र के वादे को पूरा किया, बल्कि उससे एक कदम आगे बढ़ कर भविष्य में भी माफियाओं और गुंडों के लिए यूपी की राह बंद कर दी। सीएम योगी ने कहा था कि अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर।
कभी पुलिस प्रशासन को आंख दिखाने वाले माफियाओं, अपराधियों पर इन साढ़े चार साल में यूपी पुलिस कहर बनकर टूटी है। पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को ही नहीं, बल्कि प्रदेश के दो दर्जन से अधिक बड़े माफिया को जेल में धकेल कर उनके नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि कानून व्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ एक लाख, 38 हजार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के साथ ही सभी एक हजार, 535 थानों में महिला हेल्प डेस्क और 213 नए थानों का निर्माण हुआ है। लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, कानपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू किया गया। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन कर आरोपितों पर कार्रवाई की। साथ ही प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति अभियान चला रही योगी सरकार ने महिलाओं से जुड़े अपराधों पर तुरन्त कार्यवाही कर एक रिकार्ड बनाया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि जहां पिछली सरकारों में माफिया और अपराधी सत्ता का संरक्षण पाते थे, वहीं योगी सरकार ने माफियाओं की काली कमाई से अर्जित की गई एक हजार,500 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्तियों को जब्त किया है। वर्ष 2017 के पहले तक अराजकता और दंगों के लिए पहचान रखने वाला प्रदेश आज पूरी तरह से शांत है। सभी पर्व और त्योहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हो रहे हैं।