फिरोजाबाद :- मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत से किसानों के हित के लिए नहीं कांग्रेस, रालोद, आप, सपा समेत अन्य दलों की राजनीतिक महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए था। इसके आयोजन में इन दलों ने फंडिंग किया है। यह आरोप भारतीय किसान यूनियन(भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने लगायी है।
कहाकि यह किसान महापंचायत भाजपा के खिलाफ कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों की फंडिंग से हुई है। इस महापंचायत में राजनैतिक बयानबाजी के अलावा किसानों की कोई बात नहीं हुई है। इसलिए राकेश टिकैत को किसान नेता कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।
कहा कि यह किसान महापंचायत प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सत्ता से बेदखल करने के लिए था। मैं किसी भी पार्टी का सदस्य नहीं हूं। 03 अक्टूबर को फिरोजाबाद के गांव इमलिया पर मुजफ्फरनगर की महापंचायत के बदले में किसान महापंचायत करेंगे, जिसमें देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, कृषि मंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित करेंगे और उनसे ‘किसान आयोग’ के गठन की मांग करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए कहा है कि राकेश टिकैत उनके कुछ साथी पिछले कुछ समय से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं और जनता को परेशान कर रहे हैं। यह सब काम कांग्रेस की फंडिंग से हो रहे हैं, मुजफ्फरनगर की पंचायत भी कांग्रेस की फंडिंग से की गई है। महापंचायत में किसानों की कोई बात नहीं की गई है।
कहा कि केन्द्र तथा प्रदेश में भाजपा की सरकार है। यदि कोई किसान नेता होता है तो वह केंद्र व प्रदेश की सरकार से बात कर किसानों की समस्याओं का समाधान कराता। ऐसा नहीं है कि सड़कों पर कब्जा करता। यह सब काम आतंकवादियों के होते हैं, यह काम किसान का नहीं होता।
कहाकि भारतीय किसान यूनियन (भानु) किसानों का संगठन है। हम लोग केन्द्र व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार से बात करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे कि वह केन्द्र सरकार से बात कर देश में ‘किसान आयोग’ का गठन कराये, क्योंकि किसान विरोधी नीतियों के कारण देश के किसान पर कर्जा हो गया है। उन्होंने केसीसी कराई जो चुकता नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए ‘किसान आयोग’ का गठन जरूरी है।
बतायाकि किसान आयोग का अध्यक्ष व सभी सदस्य किसान होंगे। वह फसलों का दाम तय करेंगे, तभी किसान बच पायेगा। किसानों के हित के लिए जो तीन कानून बनाए गये हैं, उस पर हमारा हस्तक्षेप नहीं है। हमारी मांग है कि किसान आयोग का गठन होना चाहिये।