अलीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 14 सितम्बर को अलीगढ़ में जाट राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे। प्रखर राष्ट्रवादी और समाज सुधारक के रूप में पहचान रखने वाले राजा महेन्द्र प्रताप देश को विभाजन की आग में झोंकने वाले जिन्ना को जहरीला सांप कहा करते थे।
कौन थे ‘राजा महेन्द्र प्रताप सिंह’ ?
उल्लेखनीय है कि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने 1915 में अफगानिस्तान में भारत की अंतरिम सरकार बनाई थी। उन्होंने 1930 में ही महात्मा गांधी को पत्र लिख कर कहा था कि जिन्ना जहरीला सांप हैं, गले मत लगाइए। ऐसे राष्ट्रभक्त को उचित सम्मान देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कई फैसले किए हैं। उन्हीं फैसलों के तहत राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
‘आर्यन पेशवा’ के नाम से प्रसिद्ध थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह
राजा महेन्द्र प्रताप (जन्म: 1 दिसम्बर, 1886, मुरसान, उत्तर प्रदेश, मृत्यु: 29 अप्रैल, 1979) एक सच्चे देशभक्त, क्रान्तिकारी, पत्रकार और समाज सुधारक थे। ये ‘आर्यन पेशवा’ के नाम से प्रसिद्ध थे। राजा महेंद्र प्रताप सिंह हिन्दू -मुस्लिम एकता के पक्षधर थे। उन्होंने ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ के विस्तार के लिए जमीन दान में दी थी। इसके अलावा ‘वृन्दावन’ में 80 एकड़ का एक बाग ‘आर्य प्रतिनिधि सभा’ को दान में दिया था। आज वहां ‘आर्य समाज गुरुकुल’ और ‘राष्ट्रीय विश्वविद्यालय’ है।
जातिगत छुआछूत के घोर विरोधी और भारतीयों को उच्च शिक्षा देने के थे पक्षधर
वे जातिगत छुआछूत के घोर विरोधी और भारतीयों को उच्च शिक्षा देने के पक्षधर थे। इसीलिए वे शैक्षिक संस्थाओं को हमेशा मदद दिया करते थे। उनकी राष्ट्रवादी सोच के कारण कांग्रेस में रहने के बावजूद कुछ कांग्रेसी नेता उन पर आरएसएस का एजेंट होने का आरोप लगाते रहते थे। इसी कारण उनको वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे।