फीरोजाबाद, 17 अगस्त| जनपद के प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में मोहर्रम की सातवी तारीख पर परंपरागत व विधिवत होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां जनपद के तमाम अकीदतमंदो द्वारा हर साल मेहंदी चढाकर मुगलकालीन अष्ट धातुओं से निर्मित अलमों की जियारत की जाती है, परंतु कोविड-19 के चलते प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा कमेटी द्वारा पूर्व घोषित तरीके से ही रस्म अदायगी की गई, जहां शाम 4:00 बजे से प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा कमेटी के जनरल सेक्रेटरी व शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली ने परंपरागत प्रथम मेहंदी पेश कर रस्म अदा की तथा कार्यक्रम की शुरूआत की, वही रात्रि 8:30 बजे प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा कमेटी के मुख्य पदाधिकारियों द्वारा सरकारी मेहंदी पेश कर मुगलकालीन अलमो पर फूलों का सेहरा पेश किया गया तथा शौहदा-ए-करबला के प्रति अकीदत पेश की, रात्रि 10:00 बजे प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा परिसर में मुल्क की तरक्की, आपसी भाईचारा व शांति-सौहार्द के लिए शहर काजी द्वारा दुआ करने के साथ ही देर रात्रि 1:00 बजे सातवीं मोहर्रम के कार्यक्रम के समापन का ऐलान कर दिया गया, इस बीच तमाम जायरीन मेहंदीया चढ़ाने के लिए शाही बड़ा इमामबाड़ा परिसर पहुंचे, जहां शहर काजी द्वारा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए परिसर के अन्दर एक बार में 40-40 अकिदतमंदो को ही प्रवेश दिया जा रहा था, कमेटी कार्यकर्ताओं द्वारा जायरीनो की भीड़ को नियंत्रण करने हेतु मुहर्रम इन्तजामिया कमैटी के वरिष्ट उपाध्यक्ष खालिद जमाल सिद्दीकी, सचिव मु.उमर फारूक व जाइन्ट सेक्रेट्री कमर आलम साबरी की निगरानी में कमैटी कार्यकर्ता अपनी सेवाऐं दे रहे थे| प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा परिसर में शहर काजी की निगरानी में आयोजित प्रोग्राम में कमैटी प्रबंधक मु. रजा अली, अध्यक्ष सैय्यद मुसर्रत अली, शाहफराज़ अली, जावेद अली की देखरेख में अकिदतमंद मेहदियाँ पेश कर अष्टधातुओ से निर्मित मुगल कालीन अलमों की जियरत कर रहे थे तथा खुदा से दुआऐं माँग कर तबर्रूक वितरण कर रहे थे| शहर काजी सैय्यद शाहनियाज अली माइक पर लगातार अनुरोध कर रहे थे कि जायरीन अपने अपने घरो में ही फातिहा कराएं, जिसके बाद जायरीन अपने अपने घर लौट रहे थे, इस दौरान शहर काजी के साथ शाही बड़ा इमामबाड़ा कमेटी के मुख्य पदाधिकारी ही मौजूद रहे, जिसमें कमेटी अध्यक्ष मुसर्रत अली, प्रबंधक मोहम्मद रजा अली, मोहर्रम इंतजामिया कमेटी के खालिद जमाल, मोहम्मद उमर फारूक, अखलाक खान, जावेद अली व मेहरोज अख्तर प्रमुख थे|

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