फिरोजाबाद। जैनाचार्य विवेक सागर ससंघ एवं सुरत्न सागर मुनिश्री ससंघ के सानिध्य में शनिवार को श्रीमहावीर जिनालय में जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का जन्म एवं तप कल्याण महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान नित्य नियम पूजा के पश्चात् तीर्थंकर नेमिनाथ का महा अभिषेक किया गया। श्रीजी की शांति धारा करने का परम सौभाग्य हीरालाल निमिष जैन एवं मनीष जैन मिला।
मुनिश्री विवेक सागर ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम तीर्थंकर नेमिनाथ का जन्म और तप कल्याण मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल्याण केवल तीर्थंकरो के ही होते हैं मनुष्य के कल्याण नहीं होते। क्यूंकि तीर्थंकरों के जन्म के समय जगत के सभी जीवों का कल्याण होता है। तीर्थंकर के जन्म से पहले शोधर्म इंद्र की आज्ञा से कुबेर इंद्र रत्नो की वर्ष करता है। जिससे कोई भी व्यक्ति निर्धन न रहे चारो और खुशहाली रहे। उन्होंने बताया कि एक चक्रवर्ती सम्राट का अपार वैभव होने के बाद भी उसका वैभव तीर्थंकर के वैभव से कम होता है। फिर भी तीर्थंकर को अपने अपार वैभव से कोई मोह नहीं होता। क्यूंकि सारा वैभव जीवों के कल्याण के लिए होता है। इसलिए केवल तीर्थंकरो के ही पांच कल्याण मनाये जाते हैं। तीर्थंकरो की जयंती नहीं मनाई जाती है। शनिवार को विधान में कमल जैन, अंकित जैन खैरगढ़, कुं. विवेक जैन, लक्ष्य जैन, संजीव कुमार जैन, मयंक जैन, प्रवीण कुमार जैन, यश जैन, हर्ष जैन, रवि कुमार जैन, रोविल जैन, राजीव जैन, अतिशय जैन ने बैठ कर धर्म लाभ लिया। कार्यक्रम में शनिवार की शाम का मुख्य आकर्षण तीर्थंकर भगवान का 60 फुट बड़ा पालना रहा। सर्व प्रथम भगवान के पालने को झूलाने का सौभाग्य प्रशांत जैन और संजय जैन बल्ले को मिला। तत्पश्चात भगवान कि जन्म कि बुआ बीना जैन, अंजू जैन, डिम्पल जैन, सुनीता जैन सविता जैन, कल्पना जैन एवं रखी जैन आदि अनेकों बुआओं को मिला। रात्रि में शेंकी जैन एंड पार्टी की संगीतमय ध्वनि के साथ नृत्य करते हुए गुरुभक्तों ने दीप अर्चना भी की। इस दौरान प्रदीप जैन पप्पू, जितेंद्र जैन जीतू, राहुल जैन इसोली, अजय जैन बजाज, मयंक जैन, प्रशांत जैन, मोहित जैन, आकांशा जैन, शिल्पी जैन, ममता जैन, सीमा जैन, निशा जैन, मंजू जैन, शेजल जैन, निधि जैन, कनक जैन, काजल जैन, नीलम जैन, शीतल जैन आदि अनेकों गुरुभक्तो ने धर्म लाभ लिया।