नई दिल्ली. साल 2021 में जनगणना होनी थी, जिसकी शुरुआत अभी तक नहीं हुई है। जनगणना को लेकर पिछले दिनों विभिन्न सियासी दलों द्वारा विभन्न-विभिन्न तरह की मांगें की गई थीं। इस बीच लोकसभा के मौजूदा सत्र जनगणना 2021 को लेकर सवाल भी किया गया था। इस सवाल के जवाब में सरकार कि तरफ से कहा गया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से जनगणना संबंधित फील्ड गतिविधियों को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

दरअसल लोकसभा सांसदों अपराजिता सारंगी, अनुमुला रेवंत रेड्डी, सुनील कुमार मंडल और माला राय द्वारा गृह मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या सरकार जनगणना 2021 के आंकड़े एकत्र करने शुरू कर दिया है, क्या कोरोना और लॉकडाउन ने संग्रहीत आंकड़ों की विश्ननीयता को प्रभावित किया है, क्या सरकार का जाति आधारित जनगणना करने और उसके परिणामों को सार्वजनिक करने का भी विचार है और उक्त जनगणना कब तक पूरी होने की संभावना है।

इन सवालों के जवाब में केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि सरकार ने जनगणना अधिनियम 1948 के तहत जनगणना 2021 को दो चरणों में कराने का फैसला किया था यानी अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान सूचीकरण और मकानों की गणना तथा 9 से 28 फरवरी 2021 के दौरान जनसंख्या की गणना लेकिन कोरोना महामारी की वजह से जनगणना संबंधी फील्ड गतिविधियों को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

प्रश्नों के जवाब में कहा गया है कि जनसांख्यिकीय और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मापदंडों जैसे कि शिक्षा, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, धर्म, भाषा, विवाहह, प्रजनन क्षमता, विकलांगता, व्यवसाय और व्यक्तियों के प्रवास के संबंध में डेटा एकत्र किया जाता है। प्रवासन विशेषताओं के साथ-साथ प्रवास के कारणों जैसे कि कार्य/रोजगार और व्यवसाय के संबंध में डेटा एकत्र किया जाता है।


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